Rajasthan Lok Sabha Election 2024: चुनाव में ऐसे घूमेगा नेताजी का मीटर, 95 लाख रुपए में लड़ना होगा इलेक्शन,जानें कहां- कितना कर सकेंगे खर्च
Rajasthan Lok Sabha Election 2024: जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में इस बार नेताजी एक मतदाता तक पहुंचने के लिए महज 4.28 रुपए ही खर्च कर पाएंगे. इससे ज्यादा खर्चा हुआ तो फिर चुनाव आयोग का डंडा चलेगा. .संसदीय क्षेत्र में प्रचार प्रचार कार्यक्रम के लिए इस बार 95 लाख रुपए खर्च राशि तय की गई है.
Rajasthan Lok Sabha Election 2024: जयपुर शहर में 22.60 लाख मतदाताओं तक पहुंचने के लिए इस राशि से प्रति मतदाता महज 4.30 पैसा ही निकल पा रहा है.वहीं जयपुर ग्रामीण संसदीय क्षेत्र में 21.73 लाख मतदाताओ तक पहुंचने में प्रति मतदाता 4.20 रूपए खर्च कर सकेगा.हालांकि इस पैसे में कैंडिडेंड अपने क्षेत्र में मतदाता को चाय भी नहीं पिला सकेगा.
केन्द्रीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया हैं. .इसके साथ ही उम्मीदवार भी अब पूरी तरह से सक्रिय हो गए है. इस बार एक उम्मीदवार को चुनाव प्रचार में खर्च करने की लिमिट आयोग ने 95 लाख रुपए की दी है. जयपुर शहर और ग्रामीण सीटों की स्थिति पर नजर डाले तो यहां जितने वोटर्स है, अगर हर वोटर को लुभाने के लिए उम्मीदवार चाय भी पिलाए तो वह इस खर्च में नहीं पिला सकता.
जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र
जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां 8-8 विधानसभा क्षेत्र के वोटर आते है.जयपुर शहर लोकसभा सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 22 लाख 60 हजार 558 हैं.जबकि जयपुर ग्रामीण में ये संख्या 21 लाख 73 हजार 554 है.इस तरह अगर कुल खर्च को अगर एक वोटर पर गणना करते तो यहं औसतन 4 रुपए 28 पैसे होती है.जिला निर्वाचन अधिकारी जयपुर ने जो उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार के आइटम की जो रेट लिस्ट जारी की है उसमें एक कटिंग चाय की कीमत 6 रुपए लगाई है.
ऐसे में अगर देखे तो उम्मीदवार हर वोटर को चाय तक भी नहीं पिला सकता.राजस्थान में 5 माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में एक विधानसभा क्षेत्र में एक उम्मीदवार के पास खर्च की लिमिट 40 लाख रुपए निर्धारित की थी.लेकिन यहां लोकसभा चुनाव में एक उम्मीदवार के पास एक विधानसभा एरिया में चुनाव-प्रचार की खर्च लिमिट औसतन 11.90 लाख रुपए है.
जानिए किस आइटम पर कितना घूमेगा मीटर
आइटम | विधानसभा चुनाव में दर (रुपए में) | लोकसभा चुनाव में दर (रुपए में) |
चाय | 5 रूपए | 6रूपए |
कॉफी | 10रूपए | 10रूपए |
कचौरी-समोसा | 12रूपए | 12 रूपए |
जलेबी | 140 रुपए किलोग्राम | 160 रुपए किलोग्राम |
खाने का पैकेट लंच (चपाती, सब्जी, आचार, लड्डू | 50रूपए | 60रूपए |
खाने का पैकेट डिनर (पूड़ी, सब्जी, आचार, मिठाई) | 60रूप | 80रूप |
पानी की बोतल | 12रूपए (1 लीटर) | 12रूपए (1 लीटर) |
नमकीन | 150 रुपए किलोग्राम | 150 रुपए किलोग्राम |
लड्डू | 140रुपए किलोग्राम | 160रुपए किलोग्राम |
फॉर्च्यूनर/फोर्ड एंडेवर | निर्धारित नहीं | 4 हजार रुपए प्रतिदिन |
इनोवा क्रिस्टा | निर्धारित नहीं | 3600 रुपए प्रतिदिन |
स्कोर्पियो/बोलेरो | 3100 रुपए प्रतिदिन | 3400 रुपए प्रतिदिन |
ड्राइवर सैलेरी | 500 रुपए डेली | 600 रुपए डेली |
ई-रिक्शा | 1000 रुपए प्रतिदिन | 1000 रुपए प्रतिदिन |
फूल-माला (गुलाब) | 20 रुपए | 20 रुपए |
प्रत्याशियों के चुनावी खर्च का विवरण
उधर, लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के साथ ही प्रत्याशियों के चुनावी खर्च का विवरण भी जारी कर दिया है..आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चुनावी प्रचार-प्रसार में उपयोग होने वाले सामानों की दर तय कर दी है..जिसमें माला, लाउडस्पीकर, व्हीकल, टेंट, साउंड सिस्टम, कार्यालय किराया, कैंपेंनिंग आइटम, विज्ञापनों की दर, पोस्टर बैनर से लेकर, झंडे, टोपी आदि से लेकर नाश्ता, दिन और रात का भोजन तक शामिल किया गया है.
जिला प्रशासन की ओर से जारी की गई दरों की
जिला प्रशासन की ओर से जारी की गई दरों की सूची में विधानसभा चुनाव में हर उम्मीदवार को एक चाय 5 रुपए में पड़ती थी...लेकिन लोकसभा चुनाव में ये बढ़कर अब 6 रुपए हो गई..इसी तरह छाछ-लस्सी जो 14 रुपए थी, वह बढ़कर 16 रुपए हो गई.. इधर, जलेबी की कीमतों में भी 20 रुपए प्रति किलो का इजाफा हुआ है..जबकि कॉफी, पानी की बोतल, कचौरी-समोसा और लड्डू-नमकीन की कीमतें विधानसभा चुनाव में जितनी थी उतनी ही है..
राज्यवार चुनाव खर्च की सीमा तय
गौरतलब हैं की लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से राज्य की आबादी और वोटर संख्या के हिसाब से राज्यवार चुनाव खर्च की सीमा तय की जाती है.प्रत्याशी चुनाव के दौरान निर्धारित सीमा से अधिक राशि खर्च नहीं कर सकते हैं..प्रत्याशी की सार्वजनिक बैठकों, रैलियों, विज्ञापनों, पोस्टर, बैनर, वाहनों व विज्ञापन खर्च शामिल होता है..चुनाव खर्च की सीमा बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग ने 2020 में कमेटी का गठन किया था.कमेटी की रिपोर्ट पर चुनाव खर्च सीमा 70 से बढ़ाकर 95 लाख की है.चुनाव खर्च की सीमा मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर तय होती है.
बहरहाल, विधानसभा चुनाव में टिकट की आशा-प्रत्याशा में तमाम नेताओं ने अपने क्षेत्रों में पसीना बहाना शुरू कर दिया है..चुनाव का प्रचार करना है तो समर्थक भी चाहिए और उन पर खर्चा भी करना पड़ेगा..नेताजी जेब भी खूब ढीली कर रहे हैं.आचार सहिंता लागू हो चुकी हैं...नामांकन के साथ ही चुनाव खर्च का मीटर चालू हो जाएगा..खर्च नेताजी करेंगे और हिसाब चुनाव की मशीनरी रखेगी, ताकि आकलन किया जा सके कि कहीं नेताजी खर्च में लिमिट से बाहर तो नहीं जा रहे.