महेश जोशी के इस्तीफे से पार्टी में बढ़ा सियासी विवाद, पार्टी को कमजोर करने वालों पर कार्रवाई करने की मांग
Rajasthan Mahesh Joshi resignation: राजस्थान की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम हुआ है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जलदाय मंत्री महेश जोशी ने सरकारी मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया है. सीएम गहलोत ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है.
Rajasthan Mahesh Joshi resignation: कांग्रेस में 25 सितंबर की घटना को लेकर एक बार फिर से सियासत की सरगर्मियां बढ़ गई हैं. प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने महेश जोशी के इस्तीफे को 25 सितंबर की घटना के बाद पार्टी के एक्शन के दायरे में बताया, तो वहीं दूसरी तरफ महेश जोशी ने भी इशारों ही इशारों में पायलट गुट के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठा दी है. जिसके चलते जोशी के बयान ने पार्टी के भीतर एक बार फिर सियासी विवाद की सुगबुगाहट छेड़ दी है.
महेश जोशी ने कहा कि, ' मैंने इस्तीफा दिया उसे हाईकमान और मुख्यमंत्री ने मंजूर किया. रंधावा ने इसे कार्रवाई का हिस्सा माना इसकी मुझे खुशी है. जोशी ने आगे कहा कि खुशी इस बात की है कि कार्रवाई भी हो गई और मेरी इच्छा भी पूरी हो गई.
इसके आगे जोशी ने बड़ी बात छेड़ते हुए कहा कि मुझे इस बात का इंतजार है कि जिन लोगों की पार्टी और सरकार को कमजोर करने को लेकर और भी शिकायतें रही हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो, ताकि सभी कार्यकर्ताओं में बराबरी का संदेश जाए .
जोशी ने कहा कि मैं प्रेशर में काम करने वाला आदमी नहीं हूं. अगर आलाकमान उसी क्षण फैसला कर लेता तो तभी इस्तीफा दे देता. जोशी बोले कि अगर इससे आगे भी आलाकमान मुझसे चाहेगा, तो मुझे उनके आदेश की पालना करने में खुशी होगी. मुझे जो कुछ भी दिया गया है, वह मेरी पार्टी का है, मेरे पार्टी के आलाकमान का है, जो आदेश आलाकमान का होगा वह आदेश मानने में मुझे खुशी होगी. मुझे इतना ही कहना है कि बाकी की कार्रवाई भी जल्द हो.
क्या कहा था रंधावा ने?
इससे पहले शनिवार सुबह कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने महेश जोशी के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसे 25 सितंबर की घटना के बाद संगठन की तरफ से की गई कार्रवाई और एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के दायरे में बताया था. रंधावा ने कहा था कि एक व्यक्ति एक पद के तहत और भी कार्रवाई होंगी.
महेश जोशी ने कहा- फैसला चलती विधानसभा के बीच हुआ है. मैं मेरा इस्तीफा विधानसभा के बजट सत्र से पहले दे चुका हूं . मैं तो अक्टूबर महीने से कहता आ रहा हूं कि मुझे एक पद से मुक्ति दी जाए .जब आपने मुझे मंत्री बना दिया तो दोहरी जिम्मेदारी संभालने के बजाय एक तरफ ध्यान लगाया जाए तो ज्यादा अच्छा रहता है.