Rajasthan News: राजस्थान में कृषि उपज मंडियों और फल सब्जी मंडियों में किसानों के लिए बेहतर सुविधाएं जुटाना अब दिनों दिन मुश्किल होता जा रहा है. इसके पीछे प्रमुख वजह है कृषि उपज मंडियों का आर्थिक रूप से कमजोर होना. प्रदेश की 8 फल-सब्जी मंडियों में तो रोजाना होने वाली फल-सब्जियों की बिक्री पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगता. 


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दरअसल, राज्य सरकार ने बजट में फल-सब्जियों के विक्रय को मंडी टैक्स के दायरे से बाहर किया हुआ है. इस तरह से इन फल-सब्जी मंडियों में फंड की कमी है और कई जगह तो कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी फंड नहीं है. वहीं, गुड़-चीनी उत्पादों पर भी बजट में टैक्स माफ कर दिया गया है. इसके बाद अब दूसरे व्यापारी संगठनों ने टैक्स खत्म करने की मांग उठाई है. प्रदेश के दलहन व्यापारियों, आटा व्यापारियों, तिलहन व्यापारियों ने भी राज्य सरकार से मंडी टैक्स माफ करने के लिए ज्ञापन दिए हैं. कम हुई आय को लेकर अब कृषि विपणन विभाग मंडी परिसर से बाहर होने वाली उपज बिक्री पर टैक्स वसूली करेगा.



अभी किन उत्पादों पर छूट, किन पर नहीं
-राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत टैक्स में 100 फीसदी छूट
-गुड़-चीनी की बिक्री पर पहले अब 1.6 फीसदी टैक्स था, अब जीरो
- प्रदेश की फल-सब्जी मंडियां हैं पूरी तरह टैक्स फ्री
- पहले फल-सब्जियों पर 1.6 फीसदी टैक्स था, अब जीरो टैक्स
- ज्वार, बाजरा, मक्का, जीरा पर लगता है मात्र 0.50 फीसदी टैक्स
- पहले ज्वार-बाजरा पर लगता था 1.6 प्रतिशत टैक्स
- तिलहन पर भी 1.6 से घटाकर महज 1 फीसदी किया हुआ टैक्स



कृषि विपणन विभाग को लगातार कम होते राजस्व के बीच नया कृषि कानून लागू होने से राहत मिली है. दरअसल, राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022 में पारित अधिनियम को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू कर दिया गया है. 5 जुलाई 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अधिनियम को अनुमति दे दी थी. इसके बाद राजस्थान कृषि उपज मंडी अधिनियम 1961 को और संशोधित किया गया है. 



अब क्या हुआ है नया बदलाव ?
- राजस्थान कृषि उपज मंडी (संशोधन) अधिनियम 2022 हुआ लागू
- मूल अधिनियम की धारा 17 में किया गया संशोधन
- मंडी समिति के मंडी यार्ड, उप यार्ड में उपज बिक्री पर लगता मंडी टैक्स
- अब अनुज्ञप्तिधारी व्यक्तियों द्वारा प्रतिबंधित निजी मंडी यार्ड, निजी मंडी उप यार्ड
- प्रत्यक्ष विपणन संग्रहण केन्द्रों और निजी कृषक-उपभोक्ता मंडी यार्ड
- मंडियों या मानित मंडियों के रूप में अधिसूचित किन्हीं भांडागारों,
- कोष्ठागारों या शीतागारों से यदि किया जाता है उपज का विक्रय
- तो उस स्थिति में अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा देय होगा मंडी टैक्स



यानी अब कृषि उत्पादों की बिक्री मंडी परिसर के अंदर करें या बाहर, सभी जगह पर टैक्स लगेगा. मंडी परिसर के बाहर बाजारों में होने वाली कृषि उपज की बिक्री पर भी विभाग द्वारा टैक्स वसूला जाएगा. हालांकि, जिन कृषि उपज या फल-सब्जियों पर राज्य सरकार ने छूट दी हुई है, वह मंडी परिसर के बाहर भी जारी रहेगी. 



रिपोर्टर- काशीराम चौधरी


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