Rajasthan News: भ्रष्टाचार के मामलों में सरकार की ओर से जीरो टॉलरेंस अपनाने की बात कही जाती है, लेकिन धरातल पर सच्चाई उससे कोसों दूर होती है. कई अधिकारी ऐसे आपको मिल जाएंगे, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और वो दोनों की सरकारों में अच्छी पोस्टों पर नजर आते हैं. कांग्रेस राज में जिन अफसरों पर भाजपा करप्शन के आरोप लगाकर उन्हें घेरती थी, वही अधिकारी भाजपा की सरकार में भी मलाईदार पदों पर आसीन हैं, जिसको लेकर सरकार के ही विधायक मंत्री तक विरोध दर्ज करवा चुके हैं. 


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अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद भी फील्ड पोस्टिंग
करप्शन के मामलों में आरोपी आईएएस नीरज के पवन के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार ने अभियोजन स्वीकृति दे दी है. उसके बाद भी सरकार ने उन्हें खास रियायत दे रखी है. पहले कांग्रेस सरकार की ओर से रियायत मिली हुई थी और अब भाजपा सरकार में भी खास रियायत मिली हुई है. सरकार ने अभी उन्हें बांसवाड़ा संभागीय आयुक्त के पद पर लगा रखा है, जबकि सरकार का एक सर्कुलर है, जिसमें साफ है कि करप्शन के आरोपी ऐसे अफसरों को फील्ड या मुख्यालय पर पोस्टिंग नहीं दी जाए. 



वहीं, इस मामले में हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट एके जैन और शालिनी श्योराण का कहना है कि दोनों ही सरकारों में ऐसे अफसरों पर कार्रवाई की जगह उन्हें बचाने का काम किया जा रहा, जबकि नियमों के हिसाब से किसी अफसर पर करप्शन का चार्ज लगता है और एसीबी में मामला दर्ज होता है तो उन्हें फील्ड पोस्टिंग नहीं दी जानी चाहिए. हालांकि, इसको लेकर एक्ट नहीं है. इसको लेकर सरकार ने एक सर्कुलर निकाल रखा है, जिसकी सरकार खुद ही पालना नहीं करती है. 



रेल परियोजना में बढ़ाई मुआवजा राशि
बांसवाड़ा संभागीय आयुक्त नीरज के पवन को लेकर अब एक नया विवाद सामने आया है, जिसमें बांसवाड़ा-छोटी सादड़ी-नीमच रेल परियोजना के जमीन अधिग्रहण के मामलों में संभागीय आयुक्त ने प्रतापगढ़ एसडीएम के निर्णय को पलट दिया है, जिसके चलते रेलवे पर 20 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ गया है. जमीन अवॉप्ति के 18 मामलों में कृषि भूमि मानते हुए प्रतापगढ़ एसडीएम ने 2 करोड़ 8 लाख 9 हजार 679 रुपए मुआवजा तय किया. नीरज ने मई 2024 में इसी भूमि को आवासीय बताते हुए मुआवजा राशि 20 करोड़ रुपए बढ़ाकर 22 करोड़ 32 लाख 98 हजार 327 रुपए कर दी. 



रेलवे ने की आदेश को चुनौती देने की तैयारी
वहीं, भूमि अवॉप्ति से जुड़े मामलों में रेलवे का कहना है कि अवाप्ति प्रक्रिया शुरू होने तक भूमि कृषि किस्म की थी और उसके एक सप्ताह के भीतर इसका भू-रूपान्तरण करवाकर इसे आवासीय करवा लिया. रेलवे ने न केवल नीरज के आदेश को चुनौती देने की तैयारी कर ली है, बल्कि संभागीय आयुक्त के सामने पैरवी करने वाले अपने वकील को लेकर भी असंतोष जाहिर किया. इसके बाद परियोजना के लिए अवाप्ति से जुड़े शेष मामलों में रेलवे की पैरवी के लिए नया वकील भी लगा दिया है. वहीं, मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने इस मामले में सीएस सुधांश पंत को पत्र लिखा है. इससे पहले भी किरोड़ी मीणा अन्य अधिकारियों को भी प्राइम पोस्टिंग देने पर नाराजगी जता चुके हैं. 



आईएएस नीरज के पवन पिछले काफी समय से लगातार विवादों में रहे हैं. नीरज के. पवन नेशनल हेल्थ मिशन घोटाले में जेल गए. स्वास्थ्य विभाग के प्रचार प्रसार से जुड़ी IIC विंग में दलाल के साथ मिलकर चहेती फर्म को गलत तरीके से टेंडर देने के मामले में भारी भ्रष्टाचार सामने आया था. स्वास्थ्य विभाग में रहते हुए कॉन्ट्रैक्ट भर्तियों में भारी गड़बड़ियों के मामले सामने आए. इसके साथ ही श्रम विभाग में राजस्थान कौशल और आजीविका विकास निगम घूसकांड, जयपुर ग्रेटर नगर निगम में बीवीजी घोटाले और करौली में कलेक्टर रहते नरेगा से जुड़े मामलों में भी अनियमितता सामने आ चुकी है. 



रिपोर्टर- भरत राज चौधरी 


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