Rajasthan News:जल संसाधन विभाग में अजीबो गरीब मामला सामने आया है.जांच के लिए पहले विभाग ने चीफ इंजीनियर भुवन भास्कर अग्रवाल को पोस्टिंग दी,फिर उसके 24 घंटे बाद बैकफुट पर आते हुए सीई भास्कर को पोस्टिंग दे दी.आखिरकार APO से पोस्टिंग की ताकत किसने दिखाई.


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बैकफुट पर क्यों आया विभाग?
एक तरफ जल संसाधन विभाग मानसून से पहले बांधों की स्थिति को लेकर चिंतन रहा है,वहीं दूसरी तरफ विभाग में चीफ इंजीनियर की पोस्टिंग पर सवाल उठने लगे है.क्योंकि अनियमितताओं की जांच रिपोर्ट के बाद अतिरिक्त सचिव और चीफ इंजीनियर भुवन भास्कर को एपीओं कर दिया,लेकिन उससे ठीक 24 घंटे बाद जल संसाधन विभाग बैकफुट पर आते हुए पोस्टिंग दे दी.



संसाधन विभाग में 8 हजार करोड के जांच चल रही थी.जल संसाधन विभाग ने फरवरी में चीफ इंजीनियर भुवन भास्कर द्वारा विभाग में नियमों की अवहेलना और जयसमंद ईआरएम के कार्यों में 3 करोड़ के संबंध की जांच करने की जिम्मेदारी तीन सदस्यों को दी गई थी.



पांच सदस्यों की कमेटी बनाई थी
इसके बाद सरकार ने मई में पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल मई 2023 से नवंबर 2023 तक 15 करोड़ से अधिक लागत के सभी प्रोजेक्ट से संबंधित जारी और स्वीकृत निविदाओं की उपापन समिति द्वारा लिए गए निर्णयों की जांच के लिए पांच वरिष्ठ अधिकारियों की दूसरी कमेटी बनाई गई.



पहले एपीओ और फिर अचानक पोस्टिंग देने से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है.इनके अलावा अमरजीत सिंह को चीफ इंजीनियर जयपुर,असीम मारकंडे को चीफ इंजीनियर हनुमानगढ़,रवि सोलंकी को चीफ इंजीनियर, बीकानेर लगाया है.



आखिर कौनसी ताकत?
ईआरसीपी के मुख्य महाप्रबंधक राकेश कुमार गुप्ता को ईआरसीपी के एमडी का चार्ज भी दिया गया है. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों जांच कमेटी ने जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत को जांच रिपोर्ट दी थी. 


जांच कमेटी ने प्रोजेक्ट और स्कीमों की जांच में कुछ इंजीनियरों और प्रशासनिक अधिकारियों के फैसलों पर सवाल उठाए थे.अब सवाल ये है कि आखिर कैसी कौनसी ताकत है जो भुवन भास्कर को एक ही दिन में पोस्टिंग मिल गई?