Rajasthan News: वित्त विभाग के अफसरों ने वर्ष 2021-22 में जब नई आबकारी नीति घोषित की तो उसे गेम चेंजर बताया गया. ऑनलाइन ऑक्शन के आधार पर बड़े राजस्व मिलने की बात कही गई, लेकिन वित्त वर्ष की समाप्ति पर जब परिणाम आए तो ये बातें खोखली साबित हुई. विभाग को पिछले 3 साल में राजस्व में लगातार घाटा झेलना पड़ रहा है. इसी वजह से आबकारी विभाग पिछले साल 17 हजार करोड़ के राजस्व के विपरीत महज 13224 करोड़ रुपए ही अर्जित कर सका था, लेकिन अब नए वित्त वर्ष में पिछले 3 साल में पहली बार अच्छी खबर सामने आई है. 


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अब तक 4928 करोड़ का राजस्व प्राप्त
जुलाई माह में आबकारी विभाग ने राजस्व लक्ष्य की तुलना में अधिक राजस्व प्राप्त किया है. इसके पीछे बड़ी वजह विभाग द्वारा ज्यादातर मदिरा दुकानों का सेटलमेंट पूरा होना माना जा रहा है. विभाग को मौजूदा वित्त वर्ष में 17100 करोड़ के राजस्व का मिला है लक्ष्य. इनमें से अब तक 4928 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त कर लिया है. 



जुलाई में 08.84 फीसदी का राजस्व अर्जित
आबकारी विभाग के लिए यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वित्त वर्ष की शुरुआत में विभाग को अप्रैल माह में राजस्व लक्ष्य के विपरीत महज 88.23 फीसदी की आय अर्जित हुई थी. वहीं, मई और जून माह में यह आय और भी कम हो गई थी. मई में 72.16 फीसदी और जून में मात्र 70.32 फीसदी का राजस्व ही प्राप्त हुआ था, लेकिन अब जुलाई में विभाग ने 108.84 फीसदी का राजस्व अर्जित किया है. 



पहली बार लक्ष्य की तुलना में अधिक राजस्व प्राप्त
मौजूदा वित्त वर्ष में पहली बार लक्ष्य की तुलना में अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है. वर्तमान में आबकारी विभाग के आयुक्त अंश दीप लगातार मॉनिटरिंग पर जोर दे रहे हैं. सेटलमेंट के दौरान उन्होंने सभी जिलों के अफसरों से समन्वय स्थापित किया और दुकानों का बंदोबस्त करने में सफलता हासिल की है. ऐसे में अब उम्मीद की जानी चाहिए कि मौजूदा वित्त वर्ष में आबकारी विभाग अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहेगा. 



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