Rajasthan News: पूर्ण बजट से पहले खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने पूर्व चर्चा की रखी मांग,जानिए किन मुद्दों करनी है बात...
Rajasthan News: चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि औद्योगिक इकाईयों की समस्याओं को दुरस्त करने की मांग को लेकर पिछले डेढ माह से सरकार के चक्कर लगा रहे है,लेकिन सरकार की ओर से समस्याओं पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है.
Rajasthan News:राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के तत्वावधान में राजस्थान संघ के मुख्यालय पर राज्य बजट—2024—25 पूर्व परिचर्चा के विषय पर प्रेसवार्ता की गई.चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि औद्योगिक इकाईयों की समस्याओं को दुरस्त करने की मांग को लेकर पिछले डेढ माह से सरकार के चक्कर लगा रहे है,लेकिन सरकार की ओर से समस्याओं पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है.
जिससे सभी उद्योग जगत से जुडे व्यापारियों में भारी रोष व्याप्त है. चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बजट पूर्व चर्चा में मांग रखी की मंडी सेस 1 प्रतिशत करने,नाम परिवर्तन पर 2.5 प्रतिशत से घटाकर 0.50 प्रतिशत नाम परिवर्तन राशि मंडी समिति द्वारा दुकान मालिक से ली जाए.
किराये की दुकानों में बैठे व्यापारियों को मालिकाना हक डीएलसी की 25 प्रतिशत राशि पर दिया जाए.साथ ही जहां डीएलसी की दर अंकन में विसंगति है उसका समाधान मंडी स्तर पर करने की मांग रखी.गुप्ता ने बताया कि औद्योगिक इकाईयों की तरह ही पुरानी औद्योगिक इकाईयों को भी रिप्स में मिलने वाली छूट दी जाए.जयपुर सिटी के चारों ओर हाईटेक एरिया विकसित करवाकर औद्योगिक पार्क बनाए जाए.
उद्योगों को बिजली समय पर पूरी मिले.कृषि उत्पाद की कुछ मंडियों को वहां की पैदावार के अनुसार छोटी छोटी इकाईयों के साथ औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाए.कोरिडोर एरिया में जल्दी से औद्योगिक क्षेत्र नियोजित किए जाए.इाईवे से जुडने वाले औद्योगिक क्षेत्र को सुगम परिवहन व्यवस्था से जोडा जाए.
रीको क्षेत्र में जहा फैक्ट्रियां नहीं चल रही है.मैरिज हॉल बनाने,होटल बनाने और वेयरहाउस खोलने की स्वीकृतियां दे,इन कार्यो को औद्योगिक दर्जा देते हुए स्वीकृति दे.चेयरमैन गुप्ता ने मांग की है कि आकेडा और जाटावाली औद्योगिक क्षेत्र में प्राथमिक आवश्यकताओं जैसे बिजली,पानी,सडक,ड्रेनेज,मोबाइल नेटवर्क,थाना पुलिस का विस्तार किया जाए.
इसके साथ ही गुप्ता ने मांग रखी की जीएसटी 2017—18 के मिसमैच के मामलों पर कहा कि इन्हे एमनेस्टी स्कीम लाकर निपटाने का काम करे.आयकर की तरफ फेसलैस जीएसटी जांच के नोटिस दिए जाए.
जीएसटी इनपुट मिलान मासिक आधार के बजाय बार्षिक आधार पर किया जाए.फर्जी बिलों के मामले में तेजी से बढ रहे है ईमानदार व्यापारी का कार्य करना मुश्किल हो गया है, इसे रोका जाए.जीएसटी रिपोर्ट जीएसटभ् पोर्टल पर आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए.
यह भी पढ़ें:विधानसभा सत्र को लेकर विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए BJP तैयार करेगी रणनीति