Modi Budget 2024: मोदी 3.0 का पहला बजट संसद में होगा पेश, जानिए उद्योग व्यापार को क्या है आस
Modi Budget 2024: भारत देश का बजट आज केंद्र सरकार संसद में पेश करने जा रही है. इस बजट से उद्योग व्यापार को काफी उम्मीदे है.सांसदों एवं विधायकों की आय पर आयकर लगाया जाए.
Modi Budget 2024: भारत देश का बजट आज केंद्र सरकार संसद में पेश करने जा रही है. इस बजट से उद्योग व्यापार को काफी उम्मीदे है. एमएसएमई को इस बजट में 43बी(एच) से राहत देने की मांग, टीसीएस एवं टीडीएस क्रेता एवं विक्रेता के लिये प्रभावी को समाप्त किया जाए.
कर मुक्त आय को बढ़ाकर दस 10 लाख किया जाए. आयकर पर लगाए गए सरचार्ज एवं सेस हटा दिए जाएं, क्योंकि जीएसटी से अच्छा रुपया प्राप्त हो रहा है. सांसदों एवं विधायकों की आय पर आयकर लगाया जाए.
टैक्स में राहत वाला बजट हो
भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के राष्ट्री अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने केन्द्र सरकार से मांग की आयकर की तरह ही जीएसटी में भी किसी भी प्रकार के नोटिस, स्क्रूटनी, ऑडिट आदि से संबंधित कार्यवाही फेसलैस तरीके से ही होनी चाहिये.यह राजस्व एवं करदाता दोनों के हितों की रक्षा करेगा.
जीएसटी रिपोर्ट, जीएसटी पोर्टल पर आसानी से उपलब्ध करने की मांग की.पोर्टल में कुछ तकनीकी खामियां है जिनको दूर करने की आवश्यक है. पोर्टल पर कोई जीएसटी नंबर लोगिन करते हैं तो लिंक के अभाव में संबंधित माह के रिटर्न पर जाना संभव नहीं है.
हर दो-तीन महीने में जीएसटी पासवर्ड बदला जाता है, इनकम टैक्स की तरह जीएसटी का पासवर्ड भी एक साल तक एक ही करने की मांग रखी. गलत पासवर्ड की सुरक्षा प्रदान करने के लिये पासवर्ड कुछ निर्दिष्ट तरीके से बनाये जाने चाहिये.
टैक्स विसंगतिया दूर हो
भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बजट पर मांग रखी ओर कहा कि जीएसटी नोटिस ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सरकार चाहती है तो सरकार को उसी तरह के प्रावधान करने होंगे.
व्यापारी को दिये जाने वाले नोटिस
जीएसटी ऑडिट, स्क्रूटनी, समन, आईटीसी मिसमैच, जीएसटीआर-1 एवं 3बी का मिसमैच, ब्याज के नोटिस, सर्च के नोटिस, आउटपुट टैक्स का शत प्रतिशत पेमेन्ट करने के नोटिस आदि इस प्रकार के नोटिस है जो व्यापारी के लिये सिरदर्द पैदा करते हैं. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस करने के लिये इन पर विवेचना आवश्यक है.
व्यापारी,कर्मचारी,मजदूर की सुरक्षा के नियम हो
बधाई कार्ड, शादी कार्ड, अचार, पूजा की थाली, देसी घी एवं ड्राइफ्रूट्स 12 प्रतिशत से घटकार 5 प्रतिशत की श्रेणी में करने की मांग की.उपभोक्ता मामलात मंत्रालय एमआरपी से नीचे बिकने वाले माल को प्रतिबंधित करें.
घटिया माल ब्राण्ड के आधार पर बेचने पर कड़े नियम बनाये जायें. बाजारों में काम कर रहे करोड़ों व्यापारियों, कर्मचारियों और मजदूरों को सुरक्षा देते हुए व्यापार सुरक्षित रहने के लिये नियम बनाये जाना आवश्यक है.
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