Rajasthan News: म्यूटेशन की प्रक्रिया को ऑनलाइन करते हुए राजस्व विभाग ने ऑटो मोड पर कर दिया है. अब पटवारी पांच दिन से ज्यादा किसी का म्यूटेशन और रजिस्ट्री को नहीं रोक पाएगा. तहसीलदार को भी 7 दिन में निस्तारण करना होगा. डेडलाइन से ज्यादा रोका तो फाइल ऑटोमेटिक स्वीकृत होकर आगे बढ़ जाएगी, तो वहीं अब जमीन की रजिस्ट्री होते ही जमाबंदी में ऑनलाइन तरीके से ऑटो म्यूटेशन दर्ज हो जाएगा. राजस्व विभाग ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है. अब इस आदेश की कलेक्टरों को सख्ती से पालना करवानी होगी. 


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आमतौर पर कृषि अथवा व्यावसायिक भूमि के म्यूटेशन भरने की एवज में रिश्वत मांगने पर पटवारी से लेकर तहसीलदार तक को एसीबी के हाथों ट्रैप की कार्रवाई के मामले सामने आते हैं. प्रदेश में जिला स्तर पर सतर्कता समितियों में भी सबसे ज्यादा शिकायतें भूमि का नामांतरण करने में आनाकानी की होती है लेकिन अब राजस्व विभाग ने नई व्यवस्था शुरू की है. 


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अब पटवारी पांच दिन से ज्यादा किसी का म्यूटेशन और रजिस्ट्री को नहीं रोक पाएगा. तहसीलदार को भी 7 दिन में निस्तारण करना होगा. डेडलाइन से ज्यादा रोका तो फाइल ऑटोमेटिक स्वीकृत होकर आगे बढ़ जाएगी. साथ में जमीन की रजिस्ट्री होते ही जमाबंदी में ऑनलाइन तरीके से ऑटो म्यूटेशन दर्ज हो जाएगा. राजस्व विभाग ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है. अब इस आदेश की कलेक्टरों को सख्ती से पालना करवानी होगी. राजस्व विभाग ने राजस्थान भू-राजस्व (भू-अभिलेख) नियम 1957 के नियम 169 एल के प्रावधानों में यह व्यवस्था की है. इस आदेश के लागू होने के बाद खातेदारों को तहसीलदार और पटवारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. राजस्व विभाग के उप सचिव एमडी रत्नू ने इस व्यवस्था को तत्काल लागू करने के आदेश जारी किए हैं, ताकि आम जनता व किसानों को राहत मिल सके. अब विरासत, रहन व रहन मुक्त के म्यूटेशन को भी तहसीलदार व सरपंच मर्जी से नहीं रोक सकेंगे. 


राजस्व विभाग के आदेश के अनुसार पंजीयन व मुद्रांक विभाग के सबरजिस्ट्रार कार्यालय में जमीन के बेचान की रजिस्ट्री होने के साथ ही ई-धरती पोर्टल से म्यूटेशन दस्तावेज बन जाएगा. यह म्यूटेशन को ऑनलाइन ही रेवेन्यू बोर्ड के रजिस्ट्रार या डिप्टी रजिस्ट्रार के सर्वर सर्टिफिकेशन से ऑटो स्वीकृत कर दिया जाएगा. इसके बाद यह म्यूटेशन जमाबंदी में ऑनलाइन ऑटो दर्ज हो जाएगा. जमीन के विरासत, रहन, रहन मुक्त के म्यूटेशन खुलवाने के लिए आवेदक को अपना खाता पोर्टल या ई-मित्र के जरिए पेश करना होगा. 


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विरासत के म्यूटेशन ई-मित्र व अपना खाता पोर्टल से ऑनलाइन ही पटवारी की आईडी पर दिख जाएगा. पटवारी को 5 दिन में जांच कर यह म्यूटेशन तहसीलदार या सरपंच को ऑनलाइन ही भेजना होगा. पटवारी 5 दिन में इस म्यूटेशन को फॉरवर्ड भी नहीं करेगा, तो ऑटो फॉरवर्ड होकर तहसीलदार या सरपंच के पास चला जाएगा. इसके बाद म्यूटेशन को स्वीकृत करने के लिए सरपंच के पास 20 दिन और फिर तहसीलदार के पास 7 दिन का समय होगा. तहसीलदार व सरपंच बेवजह इन म्यूटेशन को नहीं रोक पाएंगे. यदि स्वीकृत नहीं करेंगे तो ऑटो म्यूटेशन खुल जाएगा. 


बहरहाल, नई व्यवस्था से जमीन खरीदने, बेचने और पैतृक जमीन में नाम जोड़ने का काम अब आसान हो गया है. पटवारी से लेकर सरपंच और तहसीलदार को 32 दिन में निस्तारण करना होगा, नहीं तो फाइल ऑटोमेटिक स्वीकृत हो जाएगी. ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए निबंधक, राजस्व मण्डल द्वारा पटवारी, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, सरपंच और ग्राम पंचायत की SSO ID का ई-धरती सॉफ्टवेयर पर मैपिंग करवाया गया है. सभी ऑनलाइन तहसीलों में इस सिस्टम को लागू कर दिया गया है.