Rajasthan News: राजस्थान के खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने दिल्ली में आर्मी स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब ओलंपिक को भारतीय सेना ने मिशन के रूप में लिया, तो उससे भारत के लिए बहुत बेहतरीन नतीजे आए. 


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साथ ही राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि सेना को राज्य का दर्जा अगर दिया जाए, तो अब तक राज्यों के अंदर आजादी से लेकर अब तक जितने पदक जीते गए हैं, उसमें सेना का सबसे आगे नंबर आएगा. खेल और फिटनेस मुकाबला हर रोज का काम है. 


 



भारतीय सेना न सिर्फ सेना के लिए बल्कि देश के लिए पदक जीतने और तिरंगा लहराने के लिए तैयार रहती है. पदक संसाधन से नहीं जीते जाते. पदक जीतने के लिए सबसे जरूरी चीज हिम्मत की होती है. इच्छा शक्ति की, हार न मानने की. उन्होंने आगे कहा कि सेना के अंदर यह चीजें बुनियादी हैं.


 



खेलो इंडिया का महत्व


राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि अमेरिका के कॉलेज के ही तरह भारत ने भी छात्रों को खेलने के लिए तैयार करने के लिए खेलो इंडिया शुरू किया. जहां पर 11वीं-12वीं के छात्रों को खेलने के लिए शानदार प्लेटफॉर्म मिल रहा है. खिलाड़ियों को एक बेहतरीन मंच दिया जा रहा है.



साथ ही राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि जब खिलाड़ियों की बात हुई, तो हम सिर्फ खेलो इंडिया जैसे प्लेटफॉर्म के बारे में ही सुनते थे. हम सुनते थे कि अमेरिका में खिलाड़ी इतने शानदार कैसे खेलते हैं, क्योंकि वहां पर कॉलेज में गेम्स होते हैं. दुनिया के लोग उन कॉलेजों में जाते हैं और फिर अमेरिकी टीम से खेलते हैं. 


 



अमेरिका के कॉलेज खेलों को स्वीकार कर रहे हैं और खिलाड़ियों को तैयारी के लिए समय दे रहे हैं. इसी तरह से भारत में भी खेलो इंडिया है. PM मोदी के नेतृत्व में साल 2017-2018 में खेलो इंडिया लॉन्च किया गया था. इस प्रोग्राम को लॉन्च करने का मतलब भारत में खेल को बढ़ावा देना और खिलाड़ियों को कॉलेज लेवल से ही तैयार करवाना था.


 



2036 ओलंपिक की तैयारी


मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि 2036 की तैयारी खास विषय है. मुझे यकीन है कि भारत में ही यह खेल होंगे. जब 2036 में यहां पर मुकाबले हों, तो हम सिर्फ मेजबानी न करें, बल्कि दुनिया के अंदर ज्यादा संख्या में पदक जीतकर भारत का सिक्का जमाएं. साथ ही राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने चीन का जिक्र करते हुए कहा कि चीन ने भी जब तैयारी की थी, तो उन्होंने एक बड़ा परिवर्तन लाने में 20 साल लगाए थे.