Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेशवासियों को उच्च गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है. इसके लिए आवश्यक है कि राज्य का प्रत्येक नागरिक सेहतमंद हो, तभी ‘स्वस्थ राजस्थान’ का संकल्प साकार होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों की सेहत का रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध होने से उन्हें त्वरित और बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होगी और अनावश्यक स्वास्थ्य जांचों एवं दवाओं पर होने वाले खर्च से भी बचा जा सकेगा. भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री निवास पर चिकित्सा विभाग के तीन अभियानों का शुभारंभ किया.


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सीएम ने पोलियो दिवस के अवसर पर 5 वर्ष तक के बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक पिलाकर प्रदेश में ‘राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान’ की शुरूआत की. इसके साथ ही ‘स्टॉप डायरिया अभियान-2024’ और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत ‘आभा आईडी बनाओ’ अभियान का भी शुभारंभ किया. अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तथा चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने तीनों अभियानों के पोस्टर्स का विमोचन कर लाभार्थियों को आभा आईडी कार्ड प्रदान किए तथा बच्चों को ओआरएस के पैकेट एवं जिंक की गोलियां बांटी.


1.07 करोड़ बच्चों को पल्स पोलियो खुराक का लक्ष्य


चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रदेश के 50 जिलों में राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान के तहत 5 वर्ष तक की आयु के लगभग 1.07 करोड़ बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य है. इसके लिए 61 हजार 500 से अधिक बूथ बनाए गए हैं, जिनपर 77 हजार 500 से अधिक टीमें पल्स पोलियो की खुराक पिलाएंगी. अभियान के दौरान रविवार के अलावा अगले 2 दिन घर-घर जाकर भी दवा पिलाई जाएगी. 


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मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में निचले स्तर तक ऐसा सिस्टम विकसित किया जाए जिससे हर बच्चे के जन्म के साथ ही उसका एक यूनिक हेल्थ आईडी नंबर जनरेट हो जाए और भविष्य में उसके स्वास्थ्य से संबंधित हर जानकारी उस आईडी के तहत दर्ज की जाए. भजनलाल शर्मा ने कहा कि मरीज के स्वास्थ्य का पुराना रिकॉर्ड उपलब्ध होने से चिकित्सकों को उनका इलाज करने में बहुत सहूलियत होगी.


चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि राज्य में दस्त संबंधी बीमारियों की प्रभावी रोकथाम के लिए 1 जुलाई से 31 अगस्त तक स्टॉप डायरिया अभियान चलाया जाएगा. अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर 5 साल तक की आयु के बच्चों को दस्त से बचाव हेतु ओआरएस पैकेट एवं जिंक की गोलियां उपलब्ध करवाएंगी. 


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शुभ्रा सिंह ने बताया कि बताया कि इसके अतिरिक्त समस्त चिकित्सा संस्थानों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर ओआरएस जिंक कॉर्नर संचालित किए जाएंगे. जहां आमजन को दस्त से बचाव और उपचार की जानकारी दी जाएगी. साथ ही स्वच्छता संबंधी गतिविधियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा.


आभा आईडी से मिलेगी बेहतर उपचार में मदद


भारत सरकार की ओर से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत हेल्थ अकाउंट यानी आभा आईडी बनाई जा रही है. इस 14 अंकों की आईडी की सहायता से आमजन स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं से अपने पुराने स्वास्थ्य रिकॉर्ड साझा कर सकेंगे. इससे उनके बेहतर उपचार में मदद मिलेगी. चिकित्सा विभाग की ओर से यह अभियान 2 माह तक चलाया जाएगा. 


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कार्यक्रम में एनएचएम के मिशन निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी, अतिरिक्त मिशन निदेशक अरुण गर्ग, निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी, अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी एवं निदेशक आरसीएच सुनीत सिंह राणावत, प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ रघुराज सिंह, प्रदीप चौधरी सहित अन्य मौजूद रहे.