Rajasthan News: परिवहन विभाग, स्कूली बसों में बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से विशेष जांच अभियान चलाने जा रहा है. सोमवार से लेकर  4 अगस्त तक प्रदेशभर में सभी स्कूल वाहनों की  गहनता से जांच की जाएगी. दरअसल, 12 जुलाई को जैसलमेर के पोकरण में हुए हादसे के बाद परिवहन विभाग ने यह कदम उठाया है.


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बता दें कि पोकरण हादसे की जांच में सामने आया था कि स्कूली बस में क्षमता से अधिक बच्चों को बिठाने की वजह से यह हादसा हुआ था. इसके साथ ही बस भी फिटनेस मानकों के अनुकूल नहीं  थी. वाहन चालक की जगह परिचालक बस चला रहा था. जिससे बस का संतुलन बिगड़ने से गड्ढे में जाकर बस पलट गई थी.


गौरतलब है कि इस हादसे के बाद परिवहन विभाग ने अभियान चलाने का निर्णय किया है. अभियान के तहत बिना फिटनेस, अवैध रूप से संचालित बाल वाहिनियों की जांच की जाएगी. बाल वाहिनियों में अवैध रूप से चल रही ऑटो-टैक्सी-टाटा मैजिक, अवैध बस और मिनी बसों पर भी कार्रवाई की जाएगी. विभाग की जानकारी में आया है कि बाल वाहिनियों को नियम विरुद्ध शादी-ब्याह, पार्टी आदि में भी काम में लिया जाता है. प्रत्येक जिले में आरटीओ-डीटीओ भी फील्ड में निकलकर बाल वाहिनियों की जांच करेंगे. इसकी रिपोर्ट रोजाना सुबह 11 बजे तक मुख्यालय को भेजनी होगी. अभियान में लापरवाही करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.
इन मानकों पर होगी जांच


- स्कूल बस का रंग सुनहरी पीला होगा, जिस पर आगे-पीछे 'स्कूल बस' लिखना जरूरी होगा
- वैन-कैब के पछे 150 एमएम की पीली पट्टी पर 'बाल वाहिनी' लिखना होगा


- ऑटो रिक्शा में भी आगे-पीछे 'ऑन स्कूल ड्यूटी' लिखना जरूरी
- बस के अंदर ड्राइवर का नाम, पता लाइसेंस नंबर, वाहन मालिक का नाम-नंबर लिखना जरूरी


- वाहन चालक के पास कम से कम 5 वर्ष पुराना ड्राइविंग लाइसेंस जरूरी
- बस-कैब के पीछे विद्यालय का नाम-फोन नंबर लिखना है अनिवार्य


- वैन, बस, कैब चालक अनिवार्य रूप से सीट बैल्ट लगानी होगी
- ऑटो ड्राइवर की सीट पर बच्चों को नहीं बिठाया जाएगा


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