सचिन पायलट की बगावत के बाद से खाली पड़े पदों पर नियुक्ति, प्रदेश कांग्रेस ने 100 ब्लॉक अध्यक्ष बनाए, देखें लिस्ट
Rajasthan Politics : तो आखिरकार प्रदेश कांग्रेस में बदलाव आना शुरु हो गया है. नए बने कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के दौरे के बाद पार्टी ने सचिन पायलट की बगावत के बाद से खाली पड़े 100 ब्लॉक अध्यक्षों के पदों को भर दिया है.
Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस में कुछ दिनों से छाया सन्नाटा अब हटता दिख रहा है और अब पार्टी प्रदेश में अपने संगठन का ढांचा दुरुस्त करना शुरु कर चुकी है. करीब ढाई साल के इंतजार के बाद कहीं जाकर अब 100 ब्लॉक अध्यक्षों के मनोनयन का ऐलान हो गया है.जिसकी जानकारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट करके दी.
याद दिला दें आपको कि जुलाई 2020 में प्रदेश कांग्रेस में सचिन पायलट गुट की बगावत के समय कांग्रेस की ब्लॉक और जिला कार्यकारिणी को भंग किया गया था. अब ढाई साल बाद 400 ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों में से100 ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों की घोषणा हो गयी है.
ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद इसी सप्ताह जिलाध्यक्षों और बचे हुए 300 ब्लॉक के अध्यक्षों की नियुक्ति भी होनी है. जब कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा पिछले सप्ताह राजस्थान आये थे तो दो दिन में नियुक्तियां करने का निर्देश दिया था।
अगर पर 100 ब्लॉक अध्यक्षों के नाम की लिस्ट देखेंगे तो समझ पाएगे कि इसमें दोनों खेमों को साधने की कोशिश की गई है. जारी सूची में अलवर के 22 में से 6, बांसवाड़ा के 10 में से 4, बारां के 8 में से 6, बाड़मेर के 14 में से 6, भरतपुर के 14 में से 4, भीलवाड़ा के 14 में से 4, बीकानेर के 14 में से 8, बूंदी के 6 में से 2, चित्तौड़गढ़ के 10 में से 4, दौसा के 10 में से 6, धौलपुर के 8 में से 2, डूंगरपुर के 8 में से 2, गंगानगर के 12 में से 2, जयपुर के 38 में से केवल 4,
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वहीं जैसलमेर के 4, जालौर के 10 में से 2 , झुंझुनू के 14 में से 8, जोधपुर के 20 में से 4, कोटा के 6 में से 4, नागौर के 20 में से 4, सवाई माधोपुर के 8 में से 2, सीकर के 16 में से 4, सिरोही के 6 में से 2, टोंक के 8 में से 2 और उदयपुर के 8 में से 4 ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा कर दी गई है.
लेकिन राजस्थान के 33 में से 7 जिले अजमेर, चूरू, हनुमानगढ़, करौली, पाली, प्रतापगढ़ और राजसमंद में एक भी ब्लॉक अध्यक्ष अभी तक नहीं बनाया
गया है. जिसकी वजह इन जिलों में ब्लॉक अध्यक्षों को लेकर विवाद को बताया जा रहा है.
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