अपनी ही सरकार के खिलाफ चिकित्सा मंत्री मीणा हुए मुखर, बोले-डेपुटेशन के लिए 10 से 15 लाख
Rajasthan Politics: अपनी ही सरकार के खिलाफ चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा मुखर नजर आ रहे हैं. उन्होंने बयान देते हुए कहा कि डेपुटेशन के लिए 10 से 15 लाख रुपये लगते हैं.
Rajasthan Politics: एजुकेशन और हेल्थ डिपार्टमेंट में डेपुटेशन को लेकर हेल्थ मिनिस्टर प्रसादी लाल मीणा ने शनिवार को बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि जो चोर होते हैं जिन्हें काम नहीं आता ना ही काम करना चाहते हैं वही लोग डेपुटेशन कर आते हैं. डेपुटेशन एक चोर दरवाजा है.
परसादी लाल खुद अपनी सरकार के खिलाफ मुखर
मंत्री के इस बयान से कह सकते हैं कि मंत्री परसादी लाल खुद अपनी सरकार के खिलाफ मुखर हो गए हैं. मंत्री प्रसादी लाल का कहना है डेपुटेशन कभी फ्री में नहीं होता 10 से 15 लख रुपए देने पड़ते हैं तब जाकर डेपुटेशन होता है. उनका यह बयान लालसोट कस्बे में स्वर्गीय राजेश पायलट गवर्नमेंट पीजी कॉलेज के उद्घाटन समारोह का है.
2 साल में एक भी डेपुटेशन नहीं
मंत्री मीणा का कहना है कि जब से मैंने हेल्थ डिपार्टमेंट संभाला है तब से 2 साल में एक भी डेपुटेशन नहीं किया है. जबकि कई डॉक्टर्स का कहना है कि जयपुर में कुछ ऐसे अस्पताल हैं जहां पर 15 से 20 लोग डेपुटेशन पर कम कर रहे हैं. लंबे समय से वह डेपुटेशन पर कार्यरत है.
चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के डेपुटेशन को लेकर दिए बयान पर डॉक्टरों की प्रतिक्रिया सामने आई हैं. चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने डेपुटेशन को लेकर कहा था कि डेपुटेशन चोर रास्ता है. जिसके लिए 10 से 15 लाख रुपए देने पड़ते हैं. डेपुटेशन है करप्शन का अड्डा. चिकित्सा मंत्री ने यह भी कहा था कि इस पर सीएम से कहा है डेपुटेशन के खिलाफ कानून लाए.
मंत्री ने यह भी कि कहा कि जब से हेल्थ मिनिस्टर बना हूं एक भी डेपुटेशन चिकित्सा विभाग में नहीं किये गए. मामले में प्रदेश के सेवारत चिकित्सकों की सबसे बड़ी एसोसिएशन अरिस्दा के प्रेसिंडेंट डॉक्टर अजय चौधरी ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि अरिस्दा ने पहले से ही चिकित्सकों के कैडर बनाने की मांग रखी हुई हैं. जिससे कि डेपुटेशन की कोई जरूरत ही नहीं पड़े. यह सिस्टम की कमजोरी हैं.
डॉक्टर अजय चौधरी ने कहा कि शिक्षा विभाग में जिस तरह शाला दपर्ण पोर्टल बनाकर शिक्षा विभाग में शिक्षकों पदस्थापन को व्यवस्थित किया गया हैं उसी तरह का सिस्टम हेल्थ डिपार्टमेंट में भी होना चाहिए. अरिस्दा अध्यक्ष का कहना है कि डेपुटेशन प्रशासनिक व्यवस्था के लिए किए जाते हैं लेकिन कोई गांव से शहरों में अपनी ड्यूटी मनमाने तरीके से ही करा लें यह गलत हैं.
बरहाल इस बयान के कई मायने देखे जा रहे हैं इससे अंदाजा यह भी लगाया जा सकता है कि मंत्री खुद ही की सरकार पर बड़े सवाल उठा रहे हैं.
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