Rajasthan Politics: राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच जब 25 सिंतबर को कांग्रेस के विधायकों ने सामूहिक इस्तीफा दिया तो एक बार लगा की राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार गिर जाएगी. लेकिन फिर सब बदल गया. अब राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि सरकार के कई मंत्री भी दे चुके इस्तीफा, ऐसे में मंत्रिमंडल की बैठक में जाने का इनको कोई नैतिक अधिकार नहीं है.


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राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार अल्पमत में और सरकार में रहने का इन्हें कोई हक नहीं है. मामले को लेकर विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राजस्थान हाईकोर्ट में एक रिट लगायी है. बताया जा रहा है कि इस रिट पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 4 दिसंबर को राजस्थान में आने वाली है इस बीच बीजेपी की तरफ से कांग्रेस के विधायकों के सामूहिक इस्तीफे का मुद्दा गर्माया हुआ है. आपको बता दें कि गहलोत खेमे के करीब 90 विधायकों के इस्तीफे के करीब 2 महीने के बाद अभी भी विधासभा अध्यक्ष सीपी जोशी की तरफ से स्थिति स्पष्ट नहीं की गयी है. 


वैसे बीजेपी की तरफ से पहले भी एक प्रतिनिधि मंडल स्पीकर सीपी जोशी से मिला था और विधायकों के इस्तीफे पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी. राजेंद्र राठौड़ की तरफ से दायर याचिका में विधायकों के नाम सार्वजनिक करने की मांग की गयी है.


याचिका में बताया गया है कि कोई विधायक अगर इस्तीफा देता है तो स्पीकर के पास इसे स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प होता ही नहीं. फिर भी इस मामले में दो महीने बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है. याचिका में ये भी कहा गया है कि ये संभव ही नहीं है कि विधायकों से जबरन इस्तीफे लिये गए हों, और विधायकों के इस्तीफे के बाद गहलोत सरकार सदन में अपना विश्वास खो चुकी है. याचिका में हाईकोर्ट से गुहार लगायी गयी है कि इस्तीफा देने वाले विधायकों के नाम सार्वजनिक किए जाएं और बतौर विधायक इनकी विधानसभा में एंट्री को रोका जाए.


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