Rajasthan Politics: राजस्थान की सियासत एक बार फिर से गरमा गई है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे दिल्ली पहुंच गई हैं. चर्चा है कि भजनलाल सरकार के एक साल पूरे होने पर मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है. ऐसे मे वसुंधरा राजे के समर्थकों को भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.


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फिलहाल मंत्रिमंडिल में 6 पद खाली हैं. वर्तमान में मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित कुल 24 पदों पर मंत्री बैठे हुए हैं. नियम के मुताबिक, कुल विधानसभा सदस्यों के अधिकतम 15 फीसदी सदस्यों को मंत्री बनाया जा सकता है. इस हिसाब से राजस्थान में 30 मंत्री हो सकते हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में 6 और नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की संभावना है.



2023 में सरकार के गठन के बाद से बने मंत्रिमंडल में राजे समर्थक विधायकों को जगह नहीं दी गई थी. कई वरिष्ठ विधायकों को सीनियर होने के बावजूद पद नहीं दिया गया था. उन दिनों बड़ी वजह यही बताई जा रही थी कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व राजे को कमजोर करने में लगा है.  



लेकिन एक बार फिर अब वसुंधरा राजे सक्रिय हो चुकी हैं. जयपुर में सरकार की पहली वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में वसुंधरा राजे को खास जगह दी गई. इस दौरान वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. हाल में राजे  ने दिल्ली दौरे के दौरान भी पीएम मोदी से मुलाकात की थी.



इसी वजह से सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि आगामी दिनों में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में राजे समर्थकों को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थक नेताओं में उनके कार्यकाल में मंत्री रहे, कालीचरण सराफ, अनिता भदेल, श्रीचंद कृपलानी और पुष्पेंद्र सिंह राणावत का नाम लिस्ट में सबसे आगे चल रहा हैं. ये चारों नेता राजे के काफी करीबी माने जाते हैं. 



इनके साथ ही विधायक जयदीप बियानी, आदूराम मेघवाल, हंसराज मीणा, रामविलास मीणा और गोवर्धन वर्मा का नाम भी चर्चा का विषय बना हुआ है.