Rajasthan: राजस्थान में सरकार की बदलती घड़ी में, जलदाय महकमे का कमांड अब कन्हैयालाल चौधरी के हाथों में है. हालांकि, पीएचईडी मंत्री को अपने महकमे में ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि जलदाय विभाग में इंजीनियर्स की ऐसी भारी भरकम लिस्ट है, जो सालों से एक से ज्यादा सीटों पर जमी हुई हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इंजीनियर्स का राजनीतिक रुतबा जबरदस्त -
राजस्थान में सरकार के बदलते समय, जलदाय विभाग में बड़ा परिवर्तन हो रहा है.जो इंजीनियर अतिरिक्त चार्ज वाली सीटों पर जमे हैं, उनकी कुर्सीयां अब बदलेंगी.कन्हैयालाल चौधरी के कंधों पर जलदाय मंत्री के रूप में बड़ा जिम्मा है, जिससे इंजीनियर्स को ध्यान देने की आवश्यकता है.कन्हैयालाल चौधरी ने मंत्री बनने के बाद भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात कही है, लेकिन असली जड़ को साफ करना भी जरूरी है।


इंजीनियर्स की भरमार,फिर अतिरिक्त चार्ज क्यों?
इंजीनियर्स की लंबी फौज के बावजूद जलदाय विभाग में 70 प्रतिशत रीजन अतिरिक्त चार्ज पर चल रहे है.रीजन के मुखिया अतिरिक्त मुख्य अभियंता होते है.ऐसे में अधिकतर रीजन्स का जिम्मा अतिरिक्त चार्ज के भरोसे ही चल रहा है.इतना ही नहीं राजधानी जयपुर भी चार्ज पर ही चल रही है.आचार संहिता से ठीक पहले अतिरिक्त चार्ज वाले इंजीनियर्स को पोस्टिंग दी थी.वे एक से डेढ़ साल तक एपीओ चल रहे है.वहीं पूर्व मंत्री के ओएसडी एक्सईएन संजय अग्रवाल का दखन की भी विभाग में ज्यादा दिखाई दिया.


ये सभी रीजन अतिरिक्त चार्ज पर- 


नाम      कहां पोस्टिंग       कहां का चार्ज

पारितोष गुप्ता 

 SE भीलवाड़ा  अजमेर रीजन
शरद माथुर     SE प्रोजेक्ट चूरू    बीकानेर रीजन
सुनील गर्ग    SE बांसवाड़ा    उदयपुर रीजन
दिनेश नागौरी    SE प्रोजेक्ट पाली   जोधपुर 1
भरत सिंह    SE बाडमेर प्रोजेक्ट      जोधपुर 2
परशुराम        SE करौली       भरतपुर रीजन
अजय सिंह राठौड़   SE जयपुर नॉर्थ    जयपुर रीजन

चीफ इंजीनियर्स का भी एक तरफा राज-
केडी गुप्ता एडिशनल चीफ इंजीनियर होते हुए दो चीफ इंजीनियर की कुर्सी संभाल रहे. वे चीफ इंजीनियर क्वालिटी कंट्रोल के साथ CE शहरी चार्ज संभाल रहे है.10 लाख की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार होने वाले चीफ इंजीनियर आरके मीणा चीफ इंजीनियर ग्रामीण के साथ CE जेजेएम चार्ज का जिम्मा संभाल रहे.SE बांसवाडा सुनील गर्ग के पास तो तीन तीन जिम्मेदारी है.इनके पास उदयपुर प्रोजेक्ट,रीजन के भी चार्ज है.विवादित एसई सतीश जैन के बीसलपुर प्रोजेक्ट में फेल हुए,डब्लूएसएसओ में कार्यप्रणाली ठीक नहीं रही.फिर भी डब्लूएसएसओ डायरेक्टर की जिम्मेदारी लंबे समय तक दे रखी.


शुभ घडी का इंतजार-
ये तो सिर्फ चुनिंदा नाम है,बहुत से इंजीनियर्स ऐसे है जो सालों से सीट छोडने का नाम नहीं ले रहे.हालांकि जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने अभी तक कार्यभार संभाला नहीं है.वे शुभ घडी का इंतजार कर रहे है.संभवतया मलमास के बाद ही वे जॉइनिंग करेंगे.


ये भी पढ़ें- Pali Accident: पाली में फटा टायर तो पलट गया टेंपो,दो लोगों की मौत, दस घायल, चार की हालत गंभीर