Rajasthan scholarship fraud: प्रदेश में फर्जी छात्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने स्टूडेंट्स और संस्थाओं को ब्लैक लिस्ट करना शुरू कर दिया है. सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ने फर्जीवाड़ा रोकने के लिए लगातार एक्शन ले रहा है. इसके लिए सवाई माधोपुर और झुंझुनू में विभाग ने मामला दर्ज करवाया है. धोखाधडी करने वाले स्टूडेंट्स और शिक्षण संस्थानों पर कैसे भारी पडे़गा कानून.


5 हजार स्टूडेंट्स,163 संस्थाएं ब्लैकलिस्ट-


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अब स्टूडेंट्स और शिक्षण संस्थाओं ने सरकारी छात्रवृत्ति के लिए फर्जीवाड़ा किया तो उन्हें ब्लैकलिस्ट होना पडेगा. सामाजिक न्याय विभाग ने अब तक फर्जीवाड़ा करने वाले 5 हजार स्टूडेंट्स,163 संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है.


वहीं 300 संस्थाओं और 25 हजार स्टूडेंट्स की छात्रवृत्ति होल्ड कर दी गई है. अब ये शिक्षण संस्थाएं और छात्र छात्राएं कभी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं कर सकते है. सामाजिक न्याय विभाग के सचिव समित शर्मा का कहना है कि एक शिक्षण संस्थान ने कूटरचित करते हुए 1 बैंक अकाउंट से 40 स्टूडेंट्स की छात्रवृत्ति डलवा ली.


फर्जीवाड़े के केसेज आने के बाद विभाग ने जांच की तो हैरान करने वाले मामले सामने आए. विभाग लगातार फर्जीवाड़े पर लगाम लगा रही है. सामाजिक न्याय विभाग उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के जरिए अलग-अलग वर्गों में छात्रवृत्ति दी जाती है.


जयपुर ग्रामीण से 55 लाख की रिकवरी


सामाजिक न्याय विभाग ने अब तक जयपुर ग्रामीण से ही 55 लाख तक की रिकवरी की है. इसके अलावा सवाई माधोपुर और झुन्झुनू में विभाग ने मामला दर्ज करवाया. छात्रवृत्ति में अब तक का सबसे बडा खेल महात्मा गांधी ज्योतिराव फुले यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कई लोगों ने किया. जिसमें ईमित्र कियोस्क संचालक अजय गुर्जर,विभाग के सूचना सहायक ऋषिकेश मीणा,महात्मा गांधी ज्योतिराव फूले यूनिवर्सिटी अचरोल का कम्प्यूटर ऑपरेटर मुकेश सैनी को गिरफ्तार किया था.


जिसमें इन सभी ने मिलकर 2022-23 में 285 स्टूडेंट्स के छात्रवृत्ति फार्म फर्जी भरे. गिरोह ने दो सत्रों में फर्जीवाड़ा करते हुए 65 लाख रु हड़प लिए. सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के सचिव डॉ समित शर्मा ने कहा कि फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नए पोर्टल बनाया, ताकि जरूरतमंदों छात्रवृत्ति मिल सके. अब सामाजिक न्याय विभाग महात्मा गांधी ज्योतिराव फूले यूनिवर्सिटी को ब्लैक लिस्टेड करेगा.


दोबारा फार्म में सुधार नहीं किया जा सकेगा


इसलिए अब फर्जीवाड़ा रोकने के लिए एक बार आवेदन करने पर दोबारा फार्म में सुधार नहीं किया जा सकेगा और छात्रवृत्ति के लिए पूरी जिम्मेदारी शिक्षण संस्थाओं की होगी.सामाजिक न्याय विभाग की कार्रवाई में अभी और शिक्षण संस्थाएं ब्लैक लिस्टेड हो सकती है.