Sukanya Samriddhi Yojana: राजस्थान की लड़कियों को डिप्टी सीएम ने तोहफा दिया है. उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी  ने प्रदेश में चल रही सुकन्या समृद्धि योजना में 21 वर्ष की अवधि की स्वीकृति दी है. 


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 उप मुख्यमंत्री ने  शनिवार को समाज में लिंग भेद उन्मूलन और बालिका के जन्म को त्योहार की तरह मनाने के लिए मुख्यमंत्री बालिका संबल योजना में दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी की  है. इस योजना में  पहले 10 हजार  की वित्तीय स्वीकृति थी, जिसे अब डिप्टी सीएम ने बढ़ा कर 30 हजार  करने का निर्देश दिया है. इस योजना में पहली और दूसरी बालिका के जन्म पर और उसके बाद नसबंदी करवाने की स्थिति में यह राशि दी जाएगी.


क्या है मुख्यमंत्री बालिका संबल योजना
योजना जन्म से लेकर 5 वर्ष तक की बालिकाओं को उनके सुरक्षित भविष्य के लिए आर्थिक संबल प्रदान करना है। ऐसे दंपती जिन्होंने एक या दो बालिकाओं (लड़का नहीं) के बाद नसबंदी करा ली है। सरकार की ओर से दोनों बालिकाओं के नाम यूटीआई के 10-10 हजार के बांड जमा कराए जाएंगे।


सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ


बता दें कि उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने 'सुकन्या समृद्धि योजना' के अंतर्गत 21 वर्ष की अवधि किए जाने की भी स्वीकृति दी है. इस स्वीकृति के बाद सुकन्या समृद्धि योजना के लाभार्थी खाता 25 हजार रूपये की राशि से खोला जाएगा, जिसके अंतर्गत हर साल 250 रूपये बालिका के खाते में जमा करवाए जाएंगे. ये राशि बालिका के नाम पर बनाई गई एफ डी आर के रूप में  3 हजार से लेकर 500 के ब्याज से जमा होगी.  एफडीआर (Fixed Deposit Record)  का अधिक ब्याज बालिका के 500 रूपये से खोले गए बचत खाते में यह राशि 21 साल तक जमा होती रहेगी. उसके 21 वर्ष होने के बाद यह राशि 1 लाख 47 हजार 542 होगी. जिसके बाद वह इसे निकाल सकती है. इस योजना के अंतर्गत 2 लाख रूपये का दुर्घटना बीमा भी  कवर किया जाएगा. जो 21 वर्ष की अवधि के बाद भी लगातार चलता रहेगा.


 क्या  है सुकन्या समृद्धि योजना' 
 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत सुकन्या समृद्धि योजना को लांच किया। यह योजना बेटियों की पढ़ाई और उनकी शादी पर आने वाले खर्च को आसानी से पूरा करने के उद्देश्य से लांच की गई है।  इसके अंतर्गत  किसी भी डाकघर अथवा अधिकृत बैंक शाखा में  इसका खाता खुलवाया जा सकता है। बेटी के जन्म के समय या फिर 10 साल की उम्र तक यह खाता खोला जा सकता है. खाता खुलवाने के समय कम से कम 1000 रूपए और एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रूपए जमा करवाने होते हैं। अगर आपकी बेटी ने योजना शुरू होने के एक साल पहले भी 10 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली हो, तो ऎसी बेटियों के खाते भी खुलवाए जा सकते हैं। हालांकि एक बेटी के नाम से एक ही खाता खोला जा सकता है।


आशा सहयोगिनियों के मानदेय में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी


उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने आशा सहयोगिनियों को तोहफा देते हुए उनके मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि को भी वित्तीय स्वीकृति दे दी है. यह मानदेय वृद्धि 1 अप्रैल 2024 से लागू हो जाएगी, जिसमें आशा सहयोगिनियों को 4 हजार 98 के स्थान पर 4 हजार 508 रुपए की राशि दी जाएगी.