बाघ के साथ अन्य खतरनाक जानवरों को देखना है तो आ जाइए राजस्थान, रोमांच से भरा रहेगा सफर
Rajasthan Tourism: राजस्थान का रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान उत्तर भारत में सबसे बड़ा है. ये राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में आता है. साथ ही जयपुर से रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान की दूरी 130 किलोमीटर ही है.
Rajasthan Tourism: वाइल्ड लाइफ के दीवाने अगर आप हैं और आप भी प्रकृति प्रेमी है तो न्यू ईयर मानने के लिए आप राजस्थान आइए. राजस्थान में कुल 5 राष्ट्रीय उद्यान हैं. इनमें से रणथंभौर का राष्ट्रीय उद्यान आपको खास पसंद आने वाला है. इतना ही नहीं रणथंभौर के अलावा भी राजस्थान में कई सारे उद्यान है जहां पर जानें से आप अपने आप को रोक नहीं पाएंगे.
सबसे पहले बताते हैं आपको रणथंभौरे के बारे में
राजस्थान का रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान उत्तर भारत में सबसे बड़ा है. ये राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में आता है. साथ ही जयपुर से रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान की दूरी 130 किलोमीटर ही है. इस उद्यान में आप शेर के साथ अन्य जानवरों को देख सकते हैं. बता दें कि कोटा जिले से रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान की दूरी 110 किलोमीटर है.
केवलादेव घना पक्षी विहार/केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान
पक्षियों का स्वर्ग केवलादेव घना पक्षी विहार को कहते हैं. ये राजस्थान के भरतपुर में है. 26 अगस्त 1981 को इस उद्यान को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था. साइबेरियन सारस यहां पर अक्टूबर-नवंबर महीने में आते हैं और फरवरी महीने में वापस चले जाते हैं. ऐसे में इनको देखने का अभी उचित समय है.
बता दें कि यहां पर 392 प्रजातियां पक्षियों की कुल पाई जाती है.
सरिस्का
भारत में सब से प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक सरिस्का बाघ अभ्यारण्य है. अलवर जिले में स्थित इस जगह को 1955 में वन्यजीव आरक्षित भूमि घोषित कर दिया गया था. सरिस्का भी देखने लायक जगह है जो रोमांच से पूरी भरपूर है.
मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान
राजीव गांधी नेशनल पार्क के नाम से भी मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान जाना जाता है. यह राष्ट्रीय उद्यान कोटा, बूंदी , झालावाड़ के साथ चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है.9 जनवरी 2012 को इस उद्यान को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया.