Jaipur: साल 1998 में निकाली गई थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती (Third Grade Teacher Recruitment) में बोनस अंकों के नियमों के चलते करीब दो हजार चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हो गए थे और उसके बाद से ही ये अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग को लेकर दो दशक से संघर्ष कर रहे हैं.


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23 सालों से संघर्ष कर रहे बेरोजगारों ने साल 2022 में नियुक्ति नहीं देने पर आत्महत्या की चेतावनी दे डाली है. गौरतलब है कि साल 1998 में थर्ड ग्रेड शिक्षकों की निकाली गई भर्ती में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में बोनस अंकों के फेर में फंसे करीब 2 हजार चयनित शिक्षकों को नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर होना पड़ा. 


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उसके बाद से ही लगातार ये बेरोजगार नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलन करते हुए नजर आए. अपनी मांग को लेकर बेरोजगारों ने जयपुर स्थित कलेक्ट्रेट के बाहर करीब 1 हजार दिनों से ज्यादा धरना दिया. उस समय आश्वासन तो मिला लेकिन समस्या अभी भी जस की तस है.


आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे बेरोजगार
नियुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे बिजेन्द्र सिंह चौहान का कहना है कि 'प्रदेश में 6 सरकार बदल गई है लेकिन हमारी समस्या नहीं बदली है. पिछले 23 सालों से सिर्फ नियुक्ति की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. हर सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और अधिकारियों तक अपनी गुहार लगा चुके हैं. हर सरकार ने सिर्फ आश्वासन ही दिया है लेकिन अब आश्वासन अब और नहीं. अगर साल 2022 में सरकार हमको नियुक्ति की सौगात नहीं देती है तो हम सभी आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे.'