Rajasthan Weather: राजस्थान में जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार बारिश के लिए किसानों को अभी और दिन का इंतजार करना पड़ सकता है . आने वाले चार से पांच दिनों के अंदर राजस्थान में एक बार फिर से मानसून की सक्रियता नजर आ सकती है. उससे पहले प्रदेशवासियों को गर्मी और उमस से जूझना पड़ेगा.
 
अगस्त का महीना बारिश नहीं होने के कारण सूखा रह गया. वहीं इसका असर सितंबर के पहले हफ्ते में देखने को मिल सकता है और किसानों के चेहरे पर एक बार फिर से रौनक आ सकती है. मौसम विभाग केंद्र जयपुर के अनुसार सितंबर के पहले हफ्ते प्रदेश में घने बादल बने रहे सकते है और पूर्वी राजस्थान के कुछ जिलों मे हल्की बारिश हो सकती है.


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मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में रेन एक्टिविटी 6 सितंबर से देखने को मिल सकती है. इस दौरान प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी जिलों में अच्छी बारिश होगी . पिछले एक दो दिन में पश्चिमी हवाएं धीमी हो चुकी है जिससे गर्मी और उमस लोगों को झेलनी पड़ रही है.


अगले कुछ दिनों तक ये हालात बने रहेंगे और उसके बाद बिजली कड़कने के साथ ही तेज बारिश हो सकती है. अगस्त जरूर बारिश नहीं हुई लेकिन इस बार जुलाई में हुई बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये थे. लेकिन अगस्त में बारिश ना के बराबर हुई जिससे किसानों की फसल चौपट हो गयी.


सिंतबर के दूसरे हफ्ते में अगर ये बारिश लगातार रहती है तो किसानों को फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो सकता है क्योंकि मूंग, तिल और मूंगफली की फसल अब कटाई की तरप है. ऐसे में इस बारिश से फायदा ना होकर नुकसान ज्यादा होगा.


जानकारी के मुताबिक अगस्त के महीने में बीते 100 सालों में कभी इतना सूखा अगस्त नहीं हुआ. इससे पहले 1918 में यानी 105 साल पहले ही अगस्त में बहुत कम बारिश हुई थी. जुलाई में अच्छी बारिश हुई थी. फिर सितंबर महीने में बारिश अनुमान से थोड़ी बेहतर हो सकती है, लेकिन अल नीनो भी चिंता बढ़ा सकता है.  मौसम विभाग का अनुमान है कि अगस्त महीने में भी अल-नीनो के असर की वजह से ही बारिश में कमी रही.


जानकारी के मुताबिक दक्षिण चीन सागर और बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की स्थिति बनेगी और उससे भारत में बारिश होगी. विशेषज्ञों की मानें तो अगस्त के मुकाबले सितंबर में अच्छी बारिश होगी. हालांकि अभी पूरे महीने का अनुमान विभाग की ओर से आने में वक्त लगेगा. 


लेकिन वेदर मॉडल के मुताबिक सितंबर महीने के शुरुआती हफ्ते में कम दबाव वाला क्षेत्र बनेगा, जो मध्य भारत में जाकर खत्म होगा. जिसके  पूरे भारत में असर दिखाने की संभावना कम ही है. सितंबर में अगस्त की तुलना में मॉनसून अच्छा होगा, लेकिन अल-नीने का असर बना रहेगा.