जयपुर: प्रदेश में बारिश का दौर शुरू हो चुका है. बारिश के साथ ही अब मौसमी बीमारियों का खतरा भी मंडराने लगा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है और मौसमी बीमारियों से लड़ने की योजना बना रहा हैं. हालांकि, अब बारिश के बाद मलेरिया नहीं बल्कि डेंगू का खतरा ज्यादा मंडराने लगा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की ओर से साल 2030 तक पूरे भारत को मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया हैं. इस लक्ष्य को पाने के लिए राजस्थान ने कदम रख दिए है और मलेरिया मुक्त होने की ओर हैं. लेकिन मलेरिया से मुक्त होते राजस्थान राज्य में बढ़ते डेंगू के केसों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है. हमेशा बारिश के बाद प्रदेश में मच्छरजनित बीमारी मलेरिया का खतरा होने लगता था. हर साल मलेरिया बीमारी का खतरा मंडराता रहता था. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से गत सालों से मलेरिया का खतरा कम हुआ है और इसकी जगह अब डेंगू ने ले ली है. 


इस तरह कम होते गए मलेरिया के केस 
साल 2014 में मलेरिया के कुल मामलों की संख्या 15,118 थी और चार मौत हुई थी. इसके बाद 2015 में मलेरिया से तीन मौत हुई.  2016 में मलेरिया के 12,741 मामले सामने आए और एक मौत हुई थी. 
 


मलेरिया के आंकड़ें 


वर्ष         संख्या     मौत 
2017  10,607    0
2018     5,728   0
2019    3,421    1
2020     1,276     0
2021       871     0
2022          14     0   

डेंगू ने बढ़ाई चिंता


राजस्थान मलेरिया मुक्त होने को तैयार है. लेकिन अब डेंगू चिंता बढ़ा रहा है. एनोफिलीज क्युलिसीफेसीज मलेरिया का मुख्य वाहक है, एक मध्यम आकार का मच्छर, रुके हुए पानी में प्रजनन करता है. अक्सर बारिश में मलेरिया के केस सामने आने लगते है.  वहीं, डेंगू एक अन्य वेक्टर जनित बीमारी है, जो एक चुनौती के रूप में उभरी हैै. मलेरिया भी एक वेक्टर जनित रोग है, जो स्वास्थ्य के लिए प्रमुख खतरा था. लेकिन अब मलेरिया ऐसी बीमारी बन गई है जिसकी मृत्यु दर बहुत कम है और इसके मामले भी पिछले कुछ वर्षों में कम हो रहे हैं. मलेरिया के मामलों को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार घर घर जाकर सर्वे करती है और उनके मच्छर के प्रजनन स्थलों पर लार्वा बनने से रोकती है. डेंगू भी रुके हुए पानी से ही फैलता है. डेंगू का मच्छर घरों में ही पैदा होता है. इसका शहरी क्षेत्रों में इसका अधिक प्रभाव है. क्योंकि लोग फूलदान, छतों और बगीचे के क्षेत्रों में अपने पानी को साफ नहीं रखते हैं. जिससे घरों में जमा गंदे पानी से डेंगू का मच्छर पैदा होता है और उसके काटने से यह रोग फैल रहा है. यही कारण है कि इस साल 2022 में अब तक करीब डेंगू के 500 मामले सामने आ चुके है और एक मौत हो चुकी है.  
डेंगू के आंकड़ें 


डेंगू के आंकड़ें 


वर्ष         संख्या     मौत 
2018     9911   14
2019   13680    18
2020     2023     7
2021    15004    40 

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, डेंगू संक्रमण दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में होने वाली एक आम समस्या है और लगभग 3 बिलियन लोग डेंगू से प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं. देश में भी डेंगू का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. 


कैसे होता है डेंगू


डेंगू मादा एडिस मच्छर के काटने से होता है, लेकिन अब इसकी नस्ल में बदलाव भी बड़ा कारण हो सकता है. चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू मच्छर काटने पर तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते आदि निकल आते हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग अब मलेरिया के साथ साथ डेंगू की रोकथाम के लिए भी अभियान चला रहा है. जिसमें लोगों को जागरूका करना,जमा पानी में दवा डालना,फोगिंग करवाना आदि इसमें शामिल है.