Year Ender 2022: साल 2022 को टाटा, बाय-बाय कहने का समय अब लगभग आ ही गया है. कल यानी  31 दिसंबर की रात पूरी दुनिया में जश्न हो रहा होगा. 2023 के स्वागत के लिए लोग उत्साहित दिखाई दे रहे हैं. अपनी खट्टी-मीठी यादों के साथ हम 2023 में एंट्री कर लेंगे. 2022 में कुछ ऐसी घटनाएं राजस्थान में हुई हैं जो कि काफी अच्छी रही वहीं कुछ घटनाएं ऐसी भी रही हैं जिनसे दिल दहल गया. आज बताते हैं आपको कुछ ऐसी ही घटनाओं के बारे में.


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2 अप्रैल 2022: बाइक रैली के पर पथराव


राजस्थान के करौली जिले की इस हिंसा को भूले से भी शायद भुलाया नहीं जा सकता है. हिंदू नववर्ष पर निकाली गई बाइक रैली के दौरान एक विशेष समुदाय के लोगों ने पथराव किया गया.इसी वजह से शहर के हटवारा बाजार में हिंसा ने विकराल रूप ले लिया. हालात इतने बेकाबू हो गए कि पुलिस जाब्ता तैनात किया गया.  35 से अधिक दुकानों, मकानों और बाइकों को उपद्रवियों ने आग के हवाले किया. जिसके बाद शहर में धारा 144 लागू करने की नौबत तक आ गई.


हालात पर काबू पाने के लिए कर्फ्यू लगाया गया और  इंटरनेट सर्विस को रोक दिया गया. पुलिसकर्मियों सहित 43 से ज्यादा लोग इस हिंसा में घायल हुए थे. शहर में कर्फ्यू करीब 15 दिन तक रहा और लोगों को अपने घरों में कैद रहने पर मजबूर होना पड़ा.


17 अप्रैल 2022 मंदिर तोड़ने के मामले के बाद विवाद 


अलवर जिले के राजगढ़ में 300 साल पुराने शिव मंदिर को तोड़ने के मामले ने तूल पकड़ लिया. विवाद इस हद तक बढ़ गया कि हिंदू समाज, साधु-संत और बीजेपी के कार्यकर्ता सड़क पर उतर गई. दरअसल,300 साल पुराने शिव मंदिर के साथ दो अन्य मंदिर को तोड़ने का मामला राजगढ़ में 17 और 18 अप्रैल को सामने आया. इसके बाद नगरपालिक ने सफाई देते हुए कहा कि नाले पर बने एक मंदिर में स्थापित मूर्तियों को निर्माणकर्ताओं द्वारा हटा लिया गया.वहीं आंशिक हिस्सा ही दूसरे मंदिर का हटाया गया. इसके अलावा तीसरे किन्नरों के मंदिर को भी  तोड़ दिया गया था. जिसके बाद विवाद बढ़ा और लोग सड़कों पर आ गए और जमकर प्रदर्शन किया. राहत की बात इतनी की हालात बेकाबू नहीं हुए.


2 मई 2022-धार्मिक झंडा हटाने के मामले ने पकड़ा तूल
 
परशुराम जयंती के मौके पर जोधपुर में रैली निकाली जा रही थी.इसी वजह से शहर के जालोरी गेट चौराहे पर धार्मिक झंडे लगाए गए. वहीं दो मई की देर रात ईद के मौके को देखते हुए अन्य समाज के लोगों ने भी इसी चौराहे पर अपने धर्म के झंडे लगाने का प्रयास किया. इसी वजह से पहले से लगे झंडों को हटाने का प्रयास किया गया. जब इसका विरोध किया गया तो विशेष समुदाय के लोगों द्वारा युवक के साथ मारपीट कर दी गई.


जिसके बाद लोगों की भीड़ इलाके में जमा हो गई है और विवाद ने जन्म ले लिया.  लाउडस्पीकरों के पोल तोड़ दिए गए और दो समुदाय आमने-सामने हो गए और इलाके में पत्थरबाजी हुई. हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज  किया. साथ ही आंसू गैस के गोले भी दागे गए. कर्फ्यू लगाने के हालात बन गए. करीब सात-आठ दिन इलाके में कर्फ्यू लगाया गया. इतना ही नहीं हिंसा में भी पुलिसकर्मी सहित कई लोगों के घायल होने की खबर सामने आई.