Insurance Claim Ashok Gehlot : किसानों को फसल खराबे के चलते होने वाले नुकसान की भरपाई अब बीमा के जरिए हो रही है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रदेश के लाखों किसान लाभान्वित हो रहे हैं. दरअसल राज्य सरकार द्वारा अतिवृष्टि, ओलावृष्टि जैसी स्थिति में फसल खराबे से होने वाले नुकसान की भरपाई के प्रयास किए जा रहे हैं. किसानों को फसल बीमा योजना के माध्यम से खराबे का बीमा क्लेम दिया जा रहा है. राज्य सरकार का यह कदम किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है.


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किसानों को केन्द्र सरकार द्वारा समय पर बीमा पॉलिसी नहीं मिलने की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने खरीफ 2021 से किसानों को बीमा पॉलिसियों का वितरण शुरू किया था. इसके उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने भी राज्य सरकार की तर्ज पर रबी 2021-22 से 'मेरी पॉलिसी मेरे हाथ' अभियान पूरे देश में लागू किया. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ फसलों के बीमा आवेदन के लिए प्रक्रिया अभी भी चल रही है. यूं तो इसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई होती है, लेकिन इस बार राज्य सरकार ने इसे 10 अगस्त तक बढ़वाया है. किसान अभी भी अपनी फसल के बीमा के लिए आवेदन कर सकते हैं.


210 लाख फसल बीमा पॉलिसियों का वितरण


- पिछले 4 वर्ष में 956.42 लाख फसल बीमा पॉलिसी की गई
- करीब 210 लाख फसल बीमा पॉलिसियों पर क्लेम दिया गया


- 19900 करोड़ रुपए का फसल बीमा क्लेम वितरित किया गया
- क्लेम वितरण के लिहाज से राजस्थान पूरे देश में अव्वल


- रबी 2018-19 में 31.06 लाख, खरीफ 2019 में 46.06 लाख पॉलिसी
- रबी 2019-20 में 40.11 लाख, खरीफ 2020 में 67.02 लाख पॉलिसी


- रबी 2020-21 में 40.43 लाख, खरीफ 2021 में 186.30 लाख पॉलिसी
- रबी 2021-22 में 157.55 लाख, खरीफ 2022 में 216.01 लाख पॉलिसी


- रबी 2022-23 में 171.88 लाख फसल बीमा पॉलिसी की गई


राज्य में फसल बीमा योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए कृषि विभाग को पुरस्कार मिल चुका है. छत्तीसगढ़ के रायपुर में अप्रैल माह में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को दो पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. राज्य को राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से बीमा क्लेम वितरण में प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया एवं योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए द्वितीय स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. किसानों द्वारा खरीफ फसलों के लिए केवल 2 प्रतिशत एवं रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत का प्रीमियम का भुगतान किया जाता है. जबकि वाणिज्यिक एवं बागवानी फसलों के लिए प्रीमियम 5 प्रतिशत है. योजना के तहत फसली ऋण लेने वाले ऋणी कृषक, गैर ऋणी कृषक एवं बटाईदार किसानों द्वारा भी फसलों का बीमा कराया जा सकता है.


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