Rajendra Gudha’s Lal Diary: गुढ़ा की लाल डायरी पर सदन में हंगामा, BJP के दिग्गज नेता का आया ट्वीट
Rajendra Gudha’s Lal Diary: राजस्थान में सीएम गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा की बर्खास्तगी का मामला लगातार गहराता जा रहा है. इस पूरे धटनाक्रम पर बीजेपी के दिग्गज नेता वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से लेकर सतीश पूनिया ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा.
Rajendra Gudha’s Lal Diary: राजस्थान में सीएम गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा की बर्खास्तगी का मामला लगातार गहराता जा रहा है. अपनी बर्खास्तगी के बाद विधायक गुढ़ा सोमवार को लाल डायरी लेकर विधानसभा पहुंच गये. विधानसभा सदन में गुढ़ा ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से लाल डायरी को सदन की मेज पर रखने की मांग की. आज विधानसभा में बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने लाल डायरी लहराते हुए अपनी बर्खास्तगी को लेकर बोलना चाहते थे, लेकिन स्पीकर सीपी जोशी ने उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी. इसके बाद विधानसभा में मारपीट की नौबत आ गई. गुढ़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेसी विधायकों ने उन्हें घेरकर मारा है.
लोकतंत्र में जनता के चुने विधायकों को बोलने का हक़ नहीं- वसुंधरा राजे
विधानसभा में हुए इस पूरे घटनाक्रम पर पूर्व सीएम और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने अपनी प्रतिक्रिया ट्वीट करते हुए दिया. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि विधानसभा में जो हुआ उसे लोकतांत्रिक क़तई नहीं कहा जा सकता. आगे लिखा कि क्या लोकतंत्र में जनता के चुने हुए विधायकों को भी बोलने का हक़ नहीं? लगता है डायरी लाल है पर इसमें सरकार के कारनामें काले हैं. वरना क्यों होती सरकार दो विधायकों पर इतनी ख़फ़ा?
पूरे संसदीय जीवन मे ऐसा नजारा नहीं देखा- राजेन्द्र राठौड़
इस पूरे घटनाक्रम पर नेता प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि मैंने अपने पूरे संसदीय जीवन मे ऐसा नजारा नहीं देखा. विधानसभा में हाथापाई की नौबत से लेकर विधानसभा के नियमों में अपनी बात कहने का अधिकार का हनन हुआ है. राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कोई व्यक्ति त्यागपत्र दे, या उसका त्यागपत्र लिया जाना चाहिए, उसे अपनी बात कहने का पूरा और मौलिक अधिकार है.
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजेन्द्र गुढ़ा अपनी बात ही कहना चाह रहे थे., लेकिन उन्हें अपनी रखने नहीं दिया गया. सरकार इस मामले से पीछे भाग रही है. लेकिन हम सरकार को भागने नहीं देंगे. राठौड़ ने कहा कि मैं राजेन्द्र गुढ़ा से अपील करना चाहूंगा कि वो लाल डायरी के सबूत जांच एजेंसियों को सौपें.
राजेन्द्र गुढ़ा की आवाज को दबाने का प्रयास- सतीश पूनिया
इधर, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने भी लाल डायरी को लेकर हमलावर नजर आये. सतीश पूनिया ने कहा कि एक समय था जब राजेन्द्र गुढ़ा सीएम गहलोत के लाड़ले बने हुए थे. पूनिया ने कहा कि आज लाल डायरी से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके कई करीबी घबराए हुए थे. इसलिए राजेन्द्र गुढ़ा की आवाज को दबाने का प्रयास किया गया. लाल डायरी से पूरा सदन हिल गया.
लाल डायरी का राज रोकने के लिए सदन में मारपीट - गजेन्द्र सिंह
विधानसभा में हुए घटनाक्रम पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी अपने ट्वीटर हैंडल से सरकार को घेरते हुए लिखा- "राजेंद्र गुढ़ा का कहना है कि लाल डायरी में बहुत राज हैं, उसमें 500 करोड़ का हिसाब है और मुख्यमंत्री के बेटे वैभव गहलोत का भी नाम है. इस लाल डायरी से कांग्रेस सरकार तक जा सकती है.
इस पूरे घटनाक्रम पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने भी ट्वीट कर हुए लिखा कि गहलोत की 'लाल डायरी' के कारण आज राजस्थान देशभर में शर्मसार हो रहा है. क्या है उस लाल डायरी में मुखिया जी? जनता जवाब चाहती है!