जयपुर: प्रदेश में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 4 करोड़ 26 लाख लाभार्थियों को गेहूं वितरण करने वाले 27 हजार राशन डीलर का विद्याधर नगर स्टेडियम में सम्मेलन हुआ. आठ सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के राशन डीलर्स ने एक जाजम पर आकर शक्ति प्रदर्शन किया, जिसमें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास भी पहुंचे. राशन डीलर्स ने खाचरियावास के सामने लंबे समय से चली आ रहीं अपनी मांगों का पुलिंदा खोल दिया. राशन डीलर्स ने सबसे प्रमुख मांग 30 हजार रूपए प्रतिमाह मानदेय देने की रखी. जिस पर प्रतापसिंह खाचरियावास ने इस मांग को लेकर गंभीरता दिखाते हुए बीस सदस्यीय कमेटी का गठन कर इसका समाधान करने का आश्वासन दिया.


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उम्मीद है मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद राशन डीलर्स के लिए मानदेय की बजट घोषणा हो सकती हैं. खाचरियावास ने कहा की बजट से पहले राशन डीलरों के चार प्रमुख संगठनों ने हाथ मिलाकर अपनी मांगे रखी हैं. राशन डीलर्स ने 30 हजार रुपए प्रतिमाह निश्चित मानदेय करने, पोस मशीन के नाम पर 15.21 रुपए की सरकार की ओर से की जा रही कटौती बन्द करने, खाद्य सामग्री पर 2 प्रतिशत छीजत देने का प्रावधान पोस मशीन में डाले जाने, राशन डीलरों से निर्धारित कार्य के अतिरिक्त कोई कार्य गैर पीडीएसए नहीं करवाने, राशन की दुकानों के लिए सरकार निशुल्क जमीन और निर्माण की सुविधा उपलब्ध करवाने, राजस्थान सरकार ने 5000 नई दुकान खोलने की घोषणा जो पिछले बजट में की उस प्रक्रिया को बंद करने की मांग की.


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मांगें नहीं मानने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी


साथ में राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स-2022 के तहत डीलरों को नियमितीकरण कर सम्मिलित करने और 55 वर्ष से अधिक आयु के राशन डीलरों को स्वेच्छा से लाइसेंस हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने, छीजत पर केस नही बनाने, तीन माह बाद दुकान बहाली करने ,कमीशन का भुगतान करवाने की मांग की. इन सभी मांगों पर खाचरियावास ने सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उनके जल्द निस्तारण का आश्वासन दिया. सम्मेलन में राशन डीलर्स ने सरकार को चेताया है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई और बजट घोषणा मे लागू नहीं किया तो सडकों पर उतरेंगे. राजस्थान की डीलर यूनियन मे 27000 परिवार सम्मिलित हैं...केरल ,गुजरात ,तमिलनाडु समेत कई राज्यों में मानदेय दिया जा रहा है.