Jaipur: हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हर साल दशहरा मनाया जाता है. इसी कड़ी में कोरोना संक्रमण के दो वर्ष बाद त्योहारों की रौनक पहले जैसी लौटने लगी है. रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी, नवरात्र स्थापना के बाद अब दशहरा हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. बाजारों में खरीदारी का दौर चल रहा है. जयपुर के प्रमुख मार्गों पर सजी रावण मंडी में रावण के पुतलों की बिक्री का काम जोरों पर चल रहा है. अनुमान है कि इस बार जयपुर में रावण के पुतलों का कारोबार 7 करोड़ तक जाएगा. शहर के एक दर्जन रावण मंडियों में हजारों रावण बनाए जा रहे है. जिनकी ऊंचाई 1 फिट से लेकर 100 फिट तक है. बाजार में रावण की कीमत 100 रुपये से शुरू होकर 1 लाख रुपये तक के रावण उपलब्ध है.


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जयपुर में बीते 1 माह से रावण बनाने का काम चल रहा है. कोरोना संक्रमण के चलते दो वर्षों तक दशहरे मेलों पर प्रतिबंध रहने के कारण बाजार में रावण बनाने का काम ठप रहा. इस बार राजस्थान में सभी तरह की पाबंदियां हटाने के बाद से बाजारों में रौनक लौटी है हालांकि महंगाई ने रावण का कद छोटा कर दिया है। कागज, ग्लू, बांस, मालभाड़ा सब पर महंगाई अट्टहास कर रही है. रावण के दस सर भी कॉस्ट मैनेजमेंट के चलते छोटे हो गए है हालांकि खरीददारों का उत्साह बरकरार है.

प्रदेश में इस बार रावण दहन के लिए रावण के पुतले की डिमांड बढ़ी है. बाजार में डिमांड को देखते हुए सभी कारीगर एडवांस में रावण के पुतले बना रहे है.मानसरोवर पर रावण के पुतले बना रहे कारीगरों का कहना है कि दो वर्षों तक रावण दहन नहीं होने के कारण कारीगरों की लागत तक नहीं आई थी. इस बार महंगाई अधिक होने के कारण पुतले बनाने की लागत अधिक आई है. जिससे कीमतें भी बढ़ी है. हालांकि कई मंदिरों और परंपरागत स्थानों पर रावण दहन की अनुमति नहीं मिलने के कारण कारीगरों को नुकसान भी हो रहा है.


रावण के पुतलों की कीमत


ऊंचाई – कीमत


1 फिट – 300 रुपये
5 फिट – 800 रुपये


10 फिट – 3 हजार
20 फिट – 6 हजार


50 फिट – 70 हजार
100 फिट – 1 लाख से अधिक


1 फिट से लेकर 100 फिट के रावण बनाए जा रहे
जयपुर में कारीगर डिमांड के अनुसार अलग अलग ऊंचाई के पुतले बना रहे है. जहां 1 फिट से लेकर 100 फिट के रावण बनाए जा रहे है. पुतला बनने वाले कारीगर बालूराम ने बताया कि रावण की ऊंचाई सामान्यतः 10 से 30 फिट रखी जा रही है. इसी ऊंचाई के रावण अधिक बिकते है. लेकिन बच्चों की डिमांड होने पर परिजन 1 फिट से 5 फिट के रावण भी लेकर जाते है. 30 फिट से अधिक ऊंचाई के रावण डिमांड के अनुसार बनाए जा रहे है. इस वर्ष पिछले दो वर्षों के मुकाबले अधिक डिमांड आई है. उन्होंने बताया की पिछले 35 वर्षों से परिवार सहित सभी लोग रावण बनाकर बेचने के लिए जयपुर आते रहे है. इस वर्ष सबसे अधिक डिमांड देखी गई है.


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महंगाई का असर इस वर्ष रावण के पुतले पर भी पड़ा है. कच्चा माल महंगा होने के कारण कीमतें भी करीब दोगुनी हो गई है. रावण बनाने के लिए बांस 500 रुपये का मिल रहा है। कागज 40 रुपये किलो मिल रहे है. इसके अलावा अन्य सामान की कीमतें भी 30 फीसदी बढ़ गई है। जिसके कारण रावण के दाम बढ़ाए है। केवल एक ही दिन बिक्री होने से बचा हुआ पुतला भी नुकसान बढ़ाएगा। लेकिन जो रावण के पुतले दहन होंगे वो बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाएंगे.