Jaipur: राजस्थान आवासन मंडल ने 10 साल बाद जयपुर विकास प्राधिकरण नीलामी में रिकॉर्ड तोड़ दिया हैं. शहरों में अब भी बड़ी-बड़ी कंपनियां जयपुर में इन्वेस्टमेंट करने में दिलचस्पी ले रही है. इसकी बानगी राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की एक बड़ी नीलामी में देखने को मिली. इस नीलामी को राजस्थान के इतिहास में अब की सबसे बड़ी नीलामी भी माना जा रहा है. क्योंकि किसी भी सरकारी एजेंसी ने अब तक इतने बड़ी राशि का एक सिंगल भूखण्ड कभी नीलाम नहीं किया है. 


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बता दें कि, बोर्ड की ओर से जयपुर के मानसरोवर स्थित वीटी रोड पर पड़ी खाली जमीन को लेकर ये नीलामी की गई. करीब 45 हजार 632 वर्ग मीटर के इस विशालकाय भूखण्ड को पैसेफिक मॉल नाम की कंपनी ने 1 लाख 7 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर की उच्चतम बोली लगाकर खरीदा है.इस भूखण्ड के बिकने से बोर्ड को करीब 4 अरब 88 करोड़ 26 लाख 24 हजार रुपए का रेवेन्यू मिलेगा. जानकारों की माने तो राजस्थान में अब तक इतनी बड़ी राशि का एक सिंगल भूखण्ड कभी भी और कहीं भी नहीं बिका है. 


हाउसिंग बोर्ड कमीश्नर पवन अरोडा ने बताया कि, मानसरोवर के वी.टी. रोड और अरावली मार्ग के बीच स्थित इस जमीन को नीलामी के लिए रखा गया था. इस जमीन की शुरूआती बोली 89 हजार 500 रुपए प्रति वर्गमीटर से शुरू की थी. नीलामी के दौरान दो कम्पनियों पैसेफिक मॉल और फिनिक्स मॉल के बीच बिड लम्बी चली और आखिर में पैसेफिक मॉल ने 1 लाख 7 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर की की उच्चतम बोली लगाकर इस भूखण्ड को खरीदा.


 उन्होंने बताया कि, इन दोनों कंपनियों के मुम्बई, दिल्ली, लखनऊ, गाजियाबाद समेत कई शहरों में पहले से ही कई मॉल संचालित है.नीलाम किए गए भूखण्ड पर मॉल और मल्टीप्लेक्स के निर्माण की अनुमति दी जा सकती है....यदि हम फ्लैशबैक में जाते हैं तो साल 2012 में जयपुर जेडीए ने जयपुर के 22 गोदाम पर 15 हजार 208 वर्गमीटर का भूखण्ड बेचकर नया रिकॉर्ड बनाया था.लेकिन ये रिकॉर्ड आज 10 साल बाद टूट गया.उस समय ये नीलामी इतिहास में राजस्थान की सबसे बड़ी नीलामी थी.


जेडीए ने उस समय भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (BPCL) को तेल डिपो के लिए लीज पर दी जमीन को कब्जे में लेकर ऑक्शन किया था.15 हजार 208 वर्गमीटर के इस भूखण्ड के लिए उस समय जेडीए ने न्यूनतम बोली 75 हजार रुपए से शुरू की थी...तब कोलकाता की स्टार कॉमोसेट कम्पनी और गंगानगर के कुछ व्यापारियों ने मिलकर उस जमीन को 1 लाख 54 हजार 950 रुपए की बोली लगाकर खरीदा था, जिससे जेडीए को 235 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला था.


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