Jaipur: पिछले करीब एक दशक से प्रदेश में हर प्रतियोगी परीक्षा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती हुई नजर आई. कभी पेपर लीक (REET Paper Leak), तो कभी नकल, तो कभी भ्रष्टाचार की भेंट परीक्षाएं चढ़ती हुई नजर आई, लेकिन अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार पेपर लीक, नकल और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पूरी तरह से कृतसंकल्प नजर आ रही है. विधानसभा में ऐसा बिल पेश किया है जिसको अगर हरी झंडी मिलती है तो प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाएं पारदर्शी रूप से करवाने में बड़ी कामयाबी मिल सकेगी.


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-विधानसभा में नकल विरोधी बिल किया गया पेश
-दोषियों के खिलाफ सख्त कानून लाने की तैयारी लगभग पूरी
-पेपर लीक, नकल, भ्रष्टाचार में शामिल लोगों पर होगी कड़ी कार्रवाई
-10 लाख से 10 करोड़ रुपये तक आर्थिक जुर्माना, 10 साल तक जेल
-गैर जमानती कानून,चल और अचल सम्पत्ति जब्त करने सहित
-2 साल तक परीक्षाओं से डिबार करने की तैयारी
-बिल पर बहस के बाद बिल लागू होने की पूरी संभावना


राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ की ओर से पिछले करीब दो सालों से इस मांग को लेकर संघर्ष किया जा रहा था. पेपर लीक, नकर और प्रतियोगी परीक्षाओं में सख्त गैरजमानती कानून लाने, सम्पत्ति जब्त करने, जुर्माना लगाने, कोचिंग संचालकों के लिप्त पाए जाने पर सम्पत्ति जब्त करने और पेपर लीक प्रकरण में शामिल लोगों पर आजीवन प्रतियोगी परीक्षाओं (REET) में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाने की मांग बेरोजगार एकीकृत महासंघ की ओर से की जा रही थी. 


सरकार की ओर से इन मांगों में से करीब सभी मांगों पर कानून लाने की तैयारी कर ली है, लेकिन कोचिंग संचालकों पर कार्रवाई और प्रतियोगी परीक्षाओं में आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग शामिल नहीं करने के चलते महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव (Upen Yadav) ने इन दोनों मांगों को भी शामिल करने की मांग तेज कर दी है. साथ ही बिल को जल्द से जल्द पास कर धरातल पर लाने की मांग भी उपेन यादव द्वारा की गई है.


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राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव (Upen yadav On REET) का कहना है कि प्रदेश में बेरोजगार बड़ी मेहनत से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, लेकिन कुछ असामाजिक लोग पेपर लीक और नकल जैसे प्रकरण में शामिल होकर पूरी परीक्षाओं को दूषित करते हैं. सख्त कानून लाने सहित अन्य मांगों को लेकर पिछले दो सालों से संघर्ष कर रहे थे, और आखिरकार सरकार ने बेरोजगारों की मांगों को सुना, अक्टूबर में अपनी मांगों को लेकर अनशन भी किया था. उस समय तत्कालीन मुख्य सचेतक महेश जोशी (Mahesh Joshi On REET) के आश्वासन के बाद अनशन भी तोड़ा था. विधानसभा में प्रस्ताव रख दिया गया है, और जल्द से जल्द बिल पास करवाकर इसको धरातल पर लाया जाएगा तो ये प्रदेश के बेरोजगारों के हितों में फायदेमंद होगा.