Jaipur: तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा की पहली पारी में 11 जिलों में अभ्यर्थियों में खासा उत्साह देखने को मिला. नेटबंदी के बीच पहली पारी में 91.31 फीसदी अभ्यर्थियों में ने अपना भाग्य अजमाया. बहीं पहली पारी में 2 लाख 58 हजार 766 पंजीकृत अभ्यर्थियों में से 2 लाख 36 हजार 275 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी और 22 हजार 491 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सबसे ज्यादा उदयपुर जिले में अभ्यर्थियों की 94.74 फीसदी उपस्थिति रही. वहीं सबसे कम बीकानेर में 86.52 फीसदी उपस्थिति रही. अजमेर में 92.04 फीसदी, अलवर में 87.17 फीसदी, भरतपुर में 91.69 फीसदी, भीलवाडा में 93.28 फीसदी, जयपुर में 91.89 फीसदी, जोधपुर में 90.31 फीसदी, कोटा में 92.52 फीसदी, श्रीगंगानगर में 90.03 फीसदी और टोंक में 91.88 फीसदी अभ्यर्थियों की उपस्थिति रही. दूसरी पारी की परीक्षा दोपहर 3 बजे से 5.30 बजे तक होगी.


देखें वीडियो



इन 11 जिलों में बनाए गए केंद्र


राजस्थान में 33 जिले हैं, लेकिन शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के सेंटर सिर्फ 11 जिलों में ही बनाए गए हैं. इनमें 7 संभाग मुख्यालय जयपुर, जोधपुर (Jodhpur), अजमेर, कोटा (Kota), बीकानेर (Bikaner), भरतपुर और उदयपुर (Udaipur) के साथ 4 जिले अलवर, भीलवाड़ा, श्रीगंगानगर (Sri Ganganagar) और टोंक (Tonk) शामिल हैं. लिखित परीक्षा में 9 लाख 64 हजार अभ्यर्थी रजिस्टर्ड  हैं. इसके बावजूद परीक्षा सेंटर केवल 11 जिलों में बनाए हैं. अभ्यर्थियों की संख्या ज़्यादा होने पर परीक्षा केन्द्रों की संख्या बढ़ाने के बजाय, अलग-अलग दिन परतक्षा कराने का निर्णय लिया गया है. 25 फ़रवरी से शुरू यह लिखित परीक्षा 1 मार्च तक चलेगी. रोजाना दो पारियों में लिखित परीक्षा होगी.


परीक्षा के दिन नेटबंदी की मांग


शिक्षकों की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा के राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (Rajasthan Staff Selection Board) पूरी सावधानी बरत रहा है. तमाम सुरक्षा व्यवस्थानों के बावजूद हाल ही में सीएचओ संविदा भर्ती परीक्षा (CHO Contractual Recruitment Exam) का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने की ख़बरों को देखते हुए, बोर्ड अब और ज्यादा सावधान हो गया है. बोर्ड के चेयरमैन हरिप्रसाद शर्मा (Hariprasad Sharma) ने नेटबंदी का आग्रह करते हुए, प्रदेश के मुख्य सचिव उषा शर्मा को चिट्ठी लिखी है. जिसमें सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक नेट बंद करने की गुजारिश की है.