Jaipur: REET मामले में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि रीट की सीबीआई जांच नहीं कराने की बात पर सियासत कर रहे हैं. गहलोत युवाओं को गुमराह कर नौकरियां देने से बच रहे हैं.


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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान दिया है कि रीट मामले की जांच सीबीआई को देने से नौकरियां प्रभावित होंगी. पूनिया ने मीडिया से बातचीत में पलटवार करते हुए कहा कि अशोक गहलोत से कोई पूछे कि सीबीआई ना परीक्षा कराती है, ना परिणाम निकालती है, ना नौकरियां देती है. पूनिया ने कहा कि, रीट पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग भाजपा ने एक फोरम पर बैठकर पार्टी के विधायक दल ने तय किया था कि हम सीबीआई की जांच की मांग लगातार करेंगे, राजस्थान के लाखों युवाओं को न्याय दिलाने के लिये सड़क से लेकर विधानसभा तक इस मुद्दे को मुखरता से उठाते रहेंगे.


कांग्रेस नहीं तो हम करवाएंगे जांच
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार सीबीआई से जांच नहीं करवाएगी तो भाजपा सत्ता में आते ही निश्चित रूप से रीट पेपर लीक की सीबीआई जांच करवाएगी. इसमें कोई दो राय नहीं है, इस मामले में हम छोड़ेंगे किसी को नहीं.


सीबीआई जांच से क्यों डर रही सरकार
पूनिया ने सवाल करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार रीट पेपर लीक की सीबीआई जांच करवाने से डरती क्यों है, कांग्रेस सरकार सीबीआई पर सवाल भी खड़े करती है और सीबीआई को जांच भी देती है. कमलेश प्रजापति, विष्णु दत्त विश्नोई और अलवर निर्भया पीड़िता मामले की जांच सीबीआई को दी, अगर सीबीआई से एतराज है तो इन मामलों की जांच गहलोत सरकार ने सीबीआई को क्यों दी?


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एसओजी नहीं कर सकती पूछताछ
पूनिय ने कहा कि एसओजी की एक मर्यादा है, अशोक गहलोत से कोई पूछे कि उन्होंने गृह विभाग अपने पास क्यों रखा है, क्या उनके पास कोई सक्षम गृहमंत्री नहीं है ? एसओजी वही संस्था है, जब कांग्रेस सरकार के भीतर अंतरकलह हुआ, एसओजी ने कांग्रेस के विधायकों पर देशद्रोह तक के मामले दर्ज किए और उन पर एफआर लग गई.  तो इससे पता लगता है कि एसओजी एक लिमिट तक तो काम करती है, छोटी मछलियों पर हाथ डालेगी, लेकिन बड़े मगरमच्छ बच जाएंगे. एसओजी ना मुख्यमंत्री से पूछ सकती है, ना मंत्री से पूछ सकती है, पूछने की मर्यादा और निष्पक्ष जांच की ताकत सीबीआई के पास है.


कहां है जारोली बताएं सरकार
पूनिया ने सवाल किया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बर्खास्त अध्यक्ष जारोली कह चुके हैं? रीट परीक्षा राजनीतिक संरक्षण में हुई, सरकार बताए कि जारोली कहां हैं? और राजनीतिक संरक्षण देने वाले लोग कौन हैं? अशोक गहलोत पारदर्शिता और निष्पक्षता की बात करते हैं? तो उन्हें बिना विलंब किए, बिना बहस किए रीट पेपर लीक की सीबीआई को जांच सौंप देनी चाहिए.


भर्तियों के नाम पर सियासत नहीं करें
पूनिया ने कहा कि अशोक गहलोत में ईमान व नैतिकता है तो तुरंत भर्तियां निकालें, पदों की संख्या बढ़ाएं. साथ ही वह, एक टाइम बाउंड प्रोग्राम बनायें, पारदर्शिता सुनिश्चित कीजिए और 3 महीने के अंदर शिक्षक भर्ती पूरी कर युवाओं को नौकरी दीजिए, लेकिन भर्तियों के नाम पर सियासत मत करिए. सीबीआई की जांच एक अलग पक्ष है और रीट की परीक्षा अलग पक्ष है, इसलिए राज्य सरकार को तुरंत रीट की विज्ञप्ति निकालकर निश्चित समय अवधि में भर्ती प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए और दूसरी तरफ पेपर लीक की सीबीआई को जांच सुपुर्द कर देनी चाहिए.