Jaipur News : बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद फरोख्त और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में राजस्थान हाई कोर्ट मुख्य पीठ जोधपुर जस्टिस डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी की एकलपीठ ने रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा से जुड़ी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट व बिचौलिए महेश नागर से जुड़ी याचिका खारिज कर दी. ऐसे म3 अब रॉबर्ट वाड्रा व उनकी माँ के साथ ही अन्य लोगो की मुसीबतें बढ गई है. हालांकि अदालत ने थोड़ी राहत देते हुए पूर्व में इनके गिरफ्तारी पर लगी रोक को दो सप्ताह के लिए जारी रखने व एकलपीठ के फैसले के खिलाफ अपील के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में यह कहा कि याचिकाकर्ता के वकीक ने जो नाजिर पेश की उससे वह कोई निर्णय पर कोर्ट पहुँच नही पा रहा है. ऐसे में यह याचिका खारिज की. इसी के साथ रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मौरीन वाड्रा की मुसीबतें बढ़ गई हैं. हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए केवल इनको फौरी राहत दी है.


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गौरतलब हे कि बिचौलिए महेश नागर और रॉबर्ट वाड्रा, उनकी मां मौरीन वाड्रा से जुड़ी कम्पनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से साल 2018 में राजस्थान हाईकोर्ट में एक याचिका पेश की गई थी. एकलपीठ में पेश इस याचिका में उनके खिलाफ जांच रोकने की गुहार की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट एकलपीठ ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए जांच में सहयोग करने के आदेश तकालीन समय मे जारी किए थे. जिसके बाद रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा जयपुर में स्थित ईडी कार्यालय में पेश हुए थे और उन्होंने ईडी के सवालों का सामना किया था. इसके बाद इस मामले में सुनवाई जारी रही. लंबी सुनवाई में याचिका पर हाई कोर्ट में करीब 83 बार सुनवाई हुई.


सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एक प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश कर वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अनुमति भी. मांगी थी. मामले में रॉबर्ट वाड्रा-मौरीन वाड्रा और महेश नागर की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने पक्ष रखा. ईडी की ओर से एएसजी राजदीपक रस्तोगी और एएसजी भानु प्रताप बोहरा ने पक्ष रखा था. दरअसल साल 2018 में बीकानेर पुलिस ने कोलायत में सरकारी जमीन खरीद फरोख्त में फर्जीवाड़े को लेकर एक एफआईआर रजिस्टर की थी. इसके बाद इस मामले को सीबीआई को सौप दिया गया था. जिसकी जांच फिलहाल जारी है.


कोलायत में सरकारी जमीन के फर्जीवाड़े जब मनी लॉन्ड्रिंग की बात सामने आई तो ईडी ने एक ईसीआर दर्ज की थी. उस दौरान स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड और महेश नागर ने राजस्थान हाईकोर्ट में यह याचिका पेश की थी. जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए उनकी और इस मामले जुड़े लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. सभी आरोपियों को ईडी की जांच में सहयोग करने के आदेश दिए थे. गौरतलब है कि के रॉबर्ट वाड्रा, उनकी मां मौरीन वाड्रा इस कम्पनी में लायबिलिटी पार्टनर थे. रॉबर्ट वाड्रा और मां मौरीन वाड्रा पर आरोप है कि उन्होंने एक चेक बिचौलिए महेश नागर को दिया था और इस चेक के जरिए बिचौलिए महेश नागर ने अपने ड्राइवर के नाम जमीन खरीदकर इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया था.


Reporter- Mahesh Pareek