RPSC Paper Leak: फर्जी डिग्री का खेला लीक,आरोपियों ने 2 लाख रुपए में बनवाए फेक सर्टिफिकेट, इस यूनिवर्सिटी पर गिर सकती है गाज!
RPSC Paper Leak: राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्राध्यापक हिन्दी (स्कूल शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा 2022 में हुए फर्जीवाड़े का खेला लीक हो रहा है. बता दें कि भाइयों ने बहनों के लिए लाखों रुपए में बनवाई थी फेक डिग्री, अब 30 मार्च तक चारों आरोपियों को पुलिस रिमांड पर रखा गया है.
RPSC Paper Leak Case Update: राजस्थान लोक सेवा आयोग से बड़ी खबर है, आयोग की प्राध्यापक हिंदी (स्कूल शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा 2022 में फर्जी डिग्री लेने वालों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं.इस केस की जांच जारी है. मिली जानकारी के अनुसार दोनों महिला अभ्यर्थियों के भाइयों ने 2-2 लाख रुपए में फर्जी डिग्री का प्रबंध किया था.
इस केस को लेकर एसओजी विभिन्न एंगल से मामले की जांच कर रही है. बता दें कि एसओजी ने सांचौर बागोड़ा भावड़ी गांव वाड़ा निवासी कमला कुमारी (31) व उसका शिक्षक भाई दलपतसिंह व मौसेरे भाई बहन चितलवाना भूतेल देवड़ा निवासी ब्रह्मा कुमारी व उसका भाई डॉ. सुरेश विश्नोई को बुधवार को कोर्ट में पेश किया. अदालत ने चारों को 30 मार्च तक पुलिस रिमांड पर सौंपा है. प्रकरण में जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश सोनी कर रहे हैं.
एक नजर पर देखें घटनाक्रम
20 मार्च को कमला और ब्रह्मा कुमारी के खिलाफ खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज. देर रात SOG ने किया गिरफ्तार.
21 मार्च को SOG ने कमला के शिक्षक भाई दलपतसिंह को किया गिरफ्तार
22 मार्च को SOG ने जोधपुर एस.एन मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग से ब्रह्मा कुमारी के भाई डॉ.सुरेश को किया गिरफ्तार
23 मार्च को SOG ने कोर्ट में पेश कर 27 मार्च तक लिया पुलिस रिमांड. इस दौरान फर्जी दस्तावेज किए बरामद.
जल्द हो सकती है ये जांच
मेवाड़ यूनिवर्सिटी में डिग्री बनाने वाले नेटवर्क की पड़ताल
फर्जी पत्र और अन्य दस्तावेजों की जांच
फर्जी डिग्री और उससे जुड़े लोगों के बारे में पड़ताल
प्रकरण में कुछ अन्य दस्तावेज व फर्जी डिग्री की जांच
दोनों के पास MA हिंदी की वैध डिग्री नहीं थी
एसओजी की पड़ताल में सामने आया कि कमला और ब्र्ह्मा के पास प्राध्यापक हिन्दी (स्कूल शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा 2022 के परिणाम आने तक दोनों के पास एम.ए हिन्दी की वैध डिग्री नहीं थी. जबकि दोनों वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय एमए अंतिम वर्ष की छात्राएं थी. बिना डिग्री के प्रतियोगी परीक्षा से बाहर निकलने के बजाए कमला के शिक्षक भाई दलपत और ब्रह्मा के चिकित्सक भाई डॉ. सुरेश ने फर्जी डिग्री बनवाने का फैसला किया.
डिग्री बनवाने के लिए करीब 2-2 लाख रुपए खर्च किए. उन्हें चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार स्थित मेवाड़ विश्वविद्यालय की एम.ए. हिन्दी की फर्जी डिग्री मिल गई.लेकिन आरपीएससी की आंतरिक जांच मं कमला और ब्रह्मा कुमारी की कारगुजारी पकड़ी गई.
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