Jaipur News : राजस्थान यूनिवर्सिटी की सिंडीकेट की बैठक फिर मजाक बन गई. समय के हिसाब से जब सभी सिंडिकेट मेम्बर बैठक में तो पहुंच गए लेकिन ऐनवक्त पर एफए ने एंजेडों की तैयारी नहीं होने की बात कह बैठक लेने से मना कर दिया. इस कारण बैठक शुरू होने से पहले ही खत्म हो गई. इसके बाद क्या था विधायक अमीन कागजी ने जमकर राजस्थान विवि के कुलपति राजीव जैन को खूब खरी खोटी सुनाई. इसके बाद एक एक कर सभी सिंडीकेट मेम्बर अपने घरों की तरफ रवाना हो गए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राजस्थान विश्वविद्यालय में पहले 26 दिसंबर को सिंडिकेट की बैठक थी. वे बैठक भी बिना किसी मुद्दे पर चर्चा की खत्म हो गई. इसके बाद 19 जनवरी सिंडीकेट की बैठक रखी गई . बैठक में करीब 20 एंजेडे शामिल किए गए थे.


सूत्रों की मानें तो ये सभी एंजेडे राजस्थान विवि के कुलपति राजीव जैन ने खुद ही तैयार किए. राजस्थान विवि की रजिस्ट्रार निलिमा तक्षक अपने गले के ऑपरेशन के चलते फिलहाल छुट्टियों पर गई हुई है. ऐसे में रजिस्ट्रार का चार्ज एफए के पास है.


सूत्रों की माने तो इस बैठक से पहले कल शाम 6 बजे कुलपति ने एफए को बुलाया और मिटिंग की जानकारी दी. बैठक के नहीं होने से सिंडीकेट की बैठक में पहुचे विधायक अमीन कागजी और गोपाल मीणा नाराज हो गए और कुलपति राजीव जैन को जमकर फटकार लगाई 


इधर विधायक और सिंडिकेट सदस्य अमीन कागज़ ने बैठक के बाद जी मीडिया से कहा कि आज की बैठक के लिए पूर्व में निर्धारित हो गया था लेकिन सही तरीके से इसकी तैयारी नहीं की गई है. रजिस्ट्रार छुट्टी पर थे तो इतनी जिम्मेदारी वित्तीय सलाहकार को सौंप दी लेकिन
इधर सिंडीकेट बैठक नहीं होने से पिछले दो दिन से कार्य बहिष्कार पर चल रहे संविदाकर्मियों को गहरा झटका लगा, क्योकिं आज की सिंडीकेट की बैठक मे संविदाकर्मियों की मांगो पर भी चर्चा होनी थी.


राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षकों के दो धड़ों में सीनियरिटी को लेकर टकराहट चल रही है. शिक्षकों का एक गुट विश्वविद्यालय एक्ट की पालना चाहता है, वहीं दूसरा संगठन यूजीसी नियम के अनुसार सीनियरिटी जाता है.


मामला सिंडिकेट की बैठक के अनजाने में शामिल किया गया है. दो बार से सिंडीकेट बैठक नहीं होने के कारण मामला अटका हुआ है.
राजस्थान विवि के करीब 400 शिक्षकों की वरिष्ठता का मसला भी सिंडिकेट की बैठक में रखा गया था.


राजस्थान यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ संजय कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में वर्ष 2013 में मेरिट से 230 शिक्षकों की भर्ती हुई थी और इसके बाद वर्ष 2018 में 145 शिक्षकों की भर्ती हुई.


ये भर्तियां राजस्थान विवि एक्ट 1974 के तहत की गई थी. एक्ट के तहत सीनियरिटी मैरिट से बनाई गई थी. इधर यूजीसी ने 2018 ने एक्ट भेजी है, विवि ने एक अक्टूबर 2021 के बाद से यूजीसी 2018 एक्ट को लागू किया जाना चाहिए. शिक्षकों का आरोप है कि सिंडिकेट में शामिल कुछ सदस्य उनकी सीनियरिटी खत्म करना चाहते हैं.


इधर शिक्षकों की वरिष्ठता के मामले में हंगामा होने के आसार थे, दरअसल शिक्षकों की मांग है कि उनकी वरिष्ठता मेरिट के आधार पर की जाए, लेकिन हाल में यूजीसी की ओर से जारी किए गए परिपत्र में डेट ऑफ ज्वानिंग को आधार माना है.


 इधर दूसरे गुट के शिक्षकों का कहना है कि जब यूजीसी के नियम आ गए तो उनके आधार पर ही सीनियरिटी की डेट तय होनी चाहिए. सिंडिकेट को नए यूजीसी नियमों के अनुसार भर्तियां और जांच करवानी चाहिए. यूनिवर्सिटी प्रशासन यूजीसी नियम को उसी स्वरूप में अपनाने के बजाय एक्ट में संशोधन चाह रहा है.