Rajasthan: राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर निजी चिकित्सालय और चिकित्सकों का आंदोलन आज 12 वें दिन भी जारी है.आज सरकारी मेडिकल कॉलेज के टीचर्स ,सेवारत चिकित्सक संघ ने भी इस आंदोलन को समर्थन देते हुए रुटीन कार्यों को लेकर अवकाश पर जाने का निर्णय लिया है, हालांकि सरकार ने सरकारी चिकित्सकों का अवकाश स्वीकृत नहीं किए हैं.


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वहीं, चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने साफ तौर पर कहा है कि बिना स्वीकृति यदि कोई चिकित्सक अवकाश पर रहता है तो वह इसका परिणाम भुगतेगा.


 राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि आज आंदोलन करने वाले चिकित्सक अपने डॉक्टर्स धर्म और चिकित्सक बनने के दौरान ली गई.शपथ को भूल चुके हैं.स्वास्थ्य मंत्री ने कहा वार्ता के लिए सरकार के द्वार खुले हैं और मैं फिर अपील करना चाहूंगा कि चिकित्सक वार्ता के जरिए समस्या का समाधान करें और हड़ताल वापस लेकर काम पर लौटे.


 चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राइट टू हेल्थ बिल लाने से पहले सेलेक्ट कमेटी ने आंदोलनरत चिकित्सकों से सुझाव भी लिए थे और उसके बाद ही आप बिल लाया गया है. बावजूद इसके डॉक्टर्स इसका विरोध कर रहे हैं जो गलत है. मंत्री ने कहा यदि बिल में नियमों में कोई संशोधन किए जाने हैं, तो उसके लिए डॉक्टर सुझाव दें हम नियमों में संशोधन पर विचार करेंगे.


चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा जनता हमारे लिए सर्वोपरि है,इसलिए हमने आंदोलन के समर्थन में जिन सरकारी चिकित्सकों ने अवकाश मांगे थे उन सब के अवकाश निरस्त कर दिए है फिर भी बिना अनुमति के जो चिकित्सक अवकाश पर गए हैं.


 उसका परिणाम भोगेंगे और उनके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे मीणा ने कहा कि जनता की परेशानी हम बर्दाश्त नहीं करेंगे और जल्द ही नए चिकित्सकों की जो सूची है उसके अनुसार भर्ती करेंगे.


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