सोशल मीडिया पर बनने लगा ` कांग्रेस की बात का बतंगड़` ! सचिन पायलट का पोस्टर में नहीं होना बन रहा बड़ा मुद्दा
Rajasthan Congress: राजस्थान में राजधानी जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मीटिंग में पोस्टर से सचिन पायलट की तस्वीर गायब होने के बाद पार्टी के अंदर दो गुट बनते दिख रहे हैं. हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं होगा, कि प्रदेश कांग्रेस के अंदर टकराव हो, इसके पहले कई बार गहलोत गुट और पायलट गुट आमने सामने हो चुके हैं. लेकिन इस बार सोशल मीडिया पर प्रदेश अध्यक्ष के बर्ताव की निंदा हो रही है.
Sachin Pilot : राजस्थान में राजधानी जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मीटिंग में पोस्टर से सचिन पायलट की तस्वीर गायब होने के बाद पार्टी के अंदर दो गुट बनते दिख रहे हैं. हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं होगा, कि प्रदेश कांग्रेस के अंदर टकराव हो, इसके पहले कई बार गहलोत गुट और पायलट गुट आमने सामने हो चुके हैं. लेकिन इस बार सोशल मीडिया पर प्रदेश अध्यक्ष के बर्ताव की निंदा हो रही है.
सोशल मीडिया पर बनने लगा ' कांग्रेस की बात का बतंगड़' !
दरअसल सोमवार को पीसीसी में हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के दौरान लगे पोस्टर पर सचिन पायलट की तस्वीर नहीं थी, इस पर सचिन पायलट समर्थक एक नेता ने जताया एतराज जताया था. जोधपुर के भानु को पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने सवाल करने पर बैठा दिया.
लेकिन कुछ देर बाद बैठक के बीच विभा माथुर और पास बैठे पदाधिकारी को इस मामले पर बातचीत करने पर टोका गया था. अब सोशल मीडिया पर इसी को लेकर बवाल मचा है. सबसे पहले तो पूर्व मंत्री सुचित्रा आर्य ने ट्वीट किया और कहा ये बर्ताव अशोभनीय है.
पूर्व सीएम शिवचरण माथुर के परिवार के योगदान और जुड़ाव का जिक्र भी ट्वीट में किया गया. इस पर पीसीसी महासचिव जसवंत गुर्जर ने भी सोशल मीडिया पर जवाब दिया. जसवंत गुर्जर बोले - क्या पीसीसी की मीटिंग में आपसी बातचीत के लिए सथियों को टोकना भी अशोभनीय है?
आपको बता दें कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बैनर डिजाइन के पीछे प्रोटोकॉल का हवाला दिया और फैसले का बचाव किया. डोटासरा ने आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि पोस्टरों पर तस्वीरें कांग्रेस के दिशा-निर्देशों का पालन करती हैं और उन्होंने सदस्यों से पार्टी की एकता पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा,'अगर कोई नेताओं की तस्वीरें दिखाना चाहता है, तो वे अपने कार्यक्रमों में ऐसा कर सकते हैं.' कुल मिलाकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का ये मसला अब जग जाहिर हो चुका है और पार्टी का अंदरूनी मामला तो बिल्कुल नहीं रहा.