Sachin Pilot Ashok Gehlot : राजस्थान कांग्रेस की सियासत में कड़ाके की ठण्ड के बीच सियासी तपिश आधी हुई है. दिसम्बर से पहले कांग्रेस आलाकमान की ओर से खींची हुई सीजफायर लाइन एक बार फिर टूट गई है. लिहाजा ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इशारों ही इशारों में सचिन पायलट को बड़ा कोरोना बताया तो अब जवाब में सचिन पायलट ने भी नसीहत दे डाली. 


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दरअसल महाराजा कॉलेज के छात्रसंघ उद्घाटन समारोह में सचिन पायलट ने कहा कि 32 सलाखों के पीछे बिना हड्डी की जीभ है. इसे नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है. मैं आपसे बड़ा हूं, इसलिए मेरा दायित्व बनता है. आपको सम्मान और संस्कार दूं. इज्जत दोगे, तो इज्जत मिलेगी.  अपने व्यक्तित्व और भाषा में ऐसा रवैया रखो कि आने वाली पीढ़ी आप पर गर्व कर सके. माना जा रहा है कि पायलट ने इशारों ही इशारों में पिछले दिनों अशोक गहलोत की ओर से की गई बयानबाजी का जॉब दिया है. 


 



सचिन पायलट यही नहीं रुके बल्कि आगे कहा कि मैं जब प्रचार करता हूं, तो बीजेपी के खिलाफ बोलता हूं. प्रचार में मैं अपने विरोधियों का धुंआ निकाल देता हूं. लेकिन मैंने कभी भी अपने विरोधियों के लिए उन शब्दों का प्रयोग नहीं किया. जो मैं अपने लिए नहीं सुन सकता. जिस विचारधारा और दल को 20 साल मजबूत किया है. हमेशा उसके लिए काम किया है. प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद हमने 5 साल बहुत संघर्ष किया.


गौरतलब है कि 18 जनवरी को सचिन पायलट के 'जादूगरी' वाले बयान के बाद 19 जनवरी को सीएम अशोक गहलोत का एक वीडियो आया. जिसमें कर्मचारियों के साथ प्री-बजट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पहले कोरोना आया और फिर उसके बाद पार्टी में 'बड़े कोरोना' आ गया. इस बयां के बाद अब सचिन पायलट जुबान पर संयम रखने की नसीहत इसी का जवाब माना जा रहा है. 


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