Sakat Chauth 2023: आज सकट चौथ है. जिसे तिलकुट चौथ, संकटा चौथ, माघ चतुर्थी, संकष्टि चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. ये दिन पूरी तरह से भगवान गणेश को समर्पित है.


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सकट चौथ पर  विधि—विधान के साथ गणेश जी की पूजा की जाती है. साथ ही भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय, नंदी एवं चंद्रदेव की पूजा का विधान माना जाता है.


सकट चौथ का व्रत एक मां अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए रखती है और सकट चौथ (Sakat chauth Rules)का व्रत रखने के दौरान कुछ नियम अनिवार्य हैं.


शरीर पर ना पड़े पानी के छींटे
भगवान गणेश की पूजा के दौरान जब आप अर्घ्य दें तो याद रखें कि पानी के छींटे आप के शरीर पर ना पड़े. रहे हो तो 


तुलसी
सकट चौथ के दिन भूलकर भी भगवान गणेश को तुलसी अर्पित ना करें. इससे भगवान गणेश नाराज हो सकते हैं. पूजा के दौरान व्रती महिलाएं गणेश भगवान को अतिप्रिय दुर्वा चढ़ाएं.


कंद मूल ना खाएं
सकट चौथ के दिन जमीन के अंदर उगने वाले कंद मूल का सेवन नहीं करना चाहिए. मूली, प्याज,चुकंदर और गाजर खाना आज व्रती के लिए मना होता है.


चांद देखकर ही व्रत तोड़े
सकट चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने पर ही व्रत पूरा होता है. इसलिए चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना आप व्रत को ना तोड़ें.


काले रंग के कपड़े बिल्कुल ना पहनें
चतुर्थी के दिन या पूजा के दौरान आप काले कपड़े ना पहनें. इस दिन पूजा के दौरान आप पीले या सफेद वस्त्र कपड़े पहन सकती हैं.


2023 सकट चौथ पर भद्रा का साया 
आज सकट चौथ पर भद्रा का साया रहेगा. सुबह 7:15 से भद्राकाल शुरू होगा जो कि दोपहर 12:09 तक रहेगा. भद्रा काल में शुभ कान नहीं होते हैं, इसलिए सकट चौथ की पूजा भद्रा काल समाप्त होने के बाद करना बेहतर रहता है.


इस बार सकट चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि योग, प्रीति  योग और आयुष्मान योग जैसे बेहद शुभ योग बन रहे हैं. ऐसे में इस दिन किए गए पूजा पाठ का कई गुना ज्यादा फल मिलने वाला है. आज सकट चौथ पर चंद्रोदय का समय रात 8:41 रहेगा.


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