सरदारशहर उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला: जाट उम्मीदवार उतारकर बेनीवाल ने बिगाड़ा कांग्रेस-BJP के खेल
राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता का सेमीफाइनल कहे जाने वाले सरदार शहर के उप चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बाद अब RLP ने भी अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने लालचंद मूंड को बनाया राष्
Sardarshahar By-Election : राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता का सेमीफाइनल कहे जाने वाले सरदार शहर के उप चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बाद अब RLP ने भी अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने लालचंद मूंड को बनाया राष्ट्रीय लोकतांत्रिक का से उम्मीदवार बनाया है. जाट बाहुल्य सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी किसी जाट उम्मीदवार को उतार है. सियासी पंडित मान रहे हैं कि इस सीट पर लोकतांत्रिक पार्टी दोनों ही दलों का खेल बिगड़ सकती है लिहाजा मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना है.
सरदारशहर उपचुनाव में होगा त्रिकोणीय संघर्ष
कांग्रेस – अनिल कुमार शर्मा (ब्राह्मण)
भाजपा – अशोक पींचा (जैन)
आरएलपी – लालचंद मूंड (जाट)
त्रिकोणीय मुकाबला होगा
सरदारशहर विधानसभा उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होगा. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने लालचंद मूंड के रूप में अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा है. वहीं दिवंगत विधायक भंवरलाल शर्मा के पुत्र अनिल शर्मा को कांग्रेस पार्टी ने चुनावी मैदान में उतारा है. अनिल शर्मा का मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक पिंचा से होगा.
कांग्रेस ने खेला सहानुभूति कार्ड
कांग्रेस ने एक बार फिर से उपचुनाव में से सहानुभूति कार्ड खेला है. पिछले कई चुनाव में भी कांग्रेस ने परिजनों को टिकट देकर ही जीत हासिल की है. कांग्रेस के नेताओं ने किसी दूसरे नाम पर विचार ही नहीं किया. सिंगल नाम राजस्थान से आला कमान को भेजा गया और अनिल शर्मा के नाम पर मुहर लग गई.
सरदारशहर के दिवंगत विधायक पंडित भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा सरदारशहर की राजनीति में नए नहीं हैं. सन 1995 में वे सरदारशहर नगरपालिका के चैयरमेन बन गए थे. साल 2000 तक वे इस पद पर रहे. इसके बाद साल 2000 से लेकर साल 2018 तक वे सरदारशहर कांग्रेस ब्लॉक के अध्यक्ष रहे. इसके बाद उन्होंने सरदारशहर के अलावा प्रदेश की राजनीति में भी अपना कदम रखा. साल 2018 से लेकर साल 2022 तक वे प्रदेश कांग्रेस के शहरी निकाय प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे. इसके बाद उन्हें गहलोत सरकार ने राजस्थान राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड (EWS) का चैयरमेन बनाया और राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया. साल 2022 में वे पीसीसी सदस्य निर्वाचित हुए. इसके अलावा अनिल शर्मा राजस्थान ब्राह्मण महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं.
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