Jaipur: सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण्य के इको सेंसेटिव जोन अंतिम अधिसूचना जारी नहीं होने से खनन एवं खनिज आधारित उद्योगों के बंद रहने को लेकर हो रही परेशानियों को देखते हुए मंगलवार को सचिवालय में वन और पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई. जिसमें राजगढ़ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के ज्ञापन पर चर्चा की गई. इस दौरन बैठक में खनन और औद्योगिक इकाईयों को राहत देने पर चर्चा की गई. हालांकि प्रदूषण नियंत्रण मंडल अध्यक्ष सुधांश पंत के दिल्ली होने के चलते कोई निर्णय नहीं हो सका. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अब इसी मामले में 14 जुलाई को दोबारा बैठक होगी. बैठक के बाद अलवर राजगढ़ से आए व्यापारियों, खनन व्यवसायियों ने मंत्री टीकाराम जूली, शकुंतलरा रावत का स्वागत किया. उन्होंने गहलोत सरकार जिंदाबाद के नारे लगाते हुए इसे अहम निर्णय बताया.


बैठक के बाद मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि अलवर जिले के अंदर काफी व्यापारी हैं. बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाईयां लगी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के एक सुर्कलर को लेकर असमंजस की स्थिति थी, अब बैठक में यह तय किया गया कि जो इंडस्ट्री पहले से चल रही है वह इस आदेश से प्रभावित नहीं हो उनको चलते दिया जाना चाहिए. आईएएस सुधांश पंत के नहीं होने से फाइनल निर्णय नहीं हो पाया है. 14 जुलाई की बैठक में फाइनल निर्णय हो जाएगा.


जो इंडस्ट्री पहले से चल रही है, उनमें ईसी की आवश्यकता नहीं होगी. मामले में मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि आज की बैठक सकारात्मक रही है. इससे खनन, औद्योगिक इकाईयों को राहत मिलेगी. बैठक में वन एवं पर्यावरण प्रमुख सचिव शिखर अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.


Reporter- Bharat Choudhary


यह भी पढ़ें- मानसून आगमन बारिश को लेकर मौसम विभाग का अलर्ट Weather Update Rain Alert Rajasthan


अपने जिले की खबर पढ़ने के लिये यहां क्लिक करें