सतीश पूनिया: लोकसभा चुनाव से सबक मिला,जो गलतियां हुई उन्हें सुधारेंगे,जनता इंडिया गठबंधन का नैरेटिव समझ चुकी है
Rajasthan News: राजस्थान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे सतीश पूनिया को हरियाणा का प्रभारी बना दिया गया है. हालांकि लोकसभा चुनावों में भी उनके पास हरियाणा की जिम्मेदारी थी, लेकिन वो पूर्णकालिक नहीं थी.
Rajasthan News: राजस्थान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और हरियाणा के प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया ने कहा कि संविधान, आरक्षण जैसे विषयों का निगेटिव नैरेटिव बनाया गया. अब जनता उसे समझ चुकी और हमने भी सबक सीख लिया है. कुछ चीज दुरुस्त करनी थी वो की.राजस्थान जन्मभूमि ओर कर्मभूमि है इससे दूर नहीं हो सकता .
राजस्थान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे सतीश पूनिया को हरियाणा का प्रभारी बना दिया गया है. हालांकि लोकसभा चुनावों में भी उनके पास हरियाणा की जिम्मेदारी थी, लेकिन वो पूर्णकालिक नहीं थी.अब सतीश पूनिया को हरियाणा का प्रदेश प्रभारी बना दिया गया है. जयपुर में अपने निवास पर कार्यकर्ताओं ने सतीश पूनिया का अभिनंदन किया गया. इस मौके पर पूनिया ने कहा कि पार्टी ने लोकसभा चुनावों में मुझे जो जिम्मेदारी दी थी उनमें मुझे केवल 22 दिन का समय मिला लेकिन फिर भी मैंन अपनी योग्यता और क्षमता के चलते 5 सीट हासिल की. उस समय माहौल ऐसा बनाया गया था कि भाजपा को हरियाणा में ज़ीरो या इक्का-दुक्का सीट ही मिलेगी.
सतीश पूनिया ने यह माना कि हमने लोकसभा चुनाव से भी सबक सीख लिया है और कुछ चीज दुरुस्त करनी थी वह कर ली . हरियाणा के नेता एकजुट हैं इस कारण हरियाणा में हम अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन भी करेंगे और बहुमत की सरकार भी बनाएंगे. पुनिया ने कहा कि इंडिया गठबंधन ने लोकसभा चुनावों में जो निगेटिव नैरेटिव बनाने के लिए संविधान और आरक्षण को लेकर जिस तरीके की भ्रांतियां पैदा की. आम आदमी को इसकी हकीकत उस समय पता नहीं लगी, आज कांग्रेस और इंडिया गठबंधन बेनकाब हो चुका है. नैरेटिव की लड़ाई थी वह लोकसभा तक सीमित थी अब जनता समझ चुकी है.
जहां किसान ज्यादा हैं हम वहां जीते
सतीश पूनिया ने कहा कि जहां किसान ज्यादा हैं वहां हम जीते. कुरुक्षेत्र ,भिवानी ,करनाल हमने जीता. इसके साथ ही राजस्थान से दूरी को लेकर सतीश पूनिया ने कहा कि कोई जड़ों से कभी दूर होता है ना जन्मभूमि कर्म भूमि से दूर होता है.
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे को सतीश पूनिया ने तात्कालिक राजनीतिक परिस्थिति बताते हुए कहा कि एक बार तात्कालिक विषय राजनीति में होते है, उनका समाधान समय रहते हो जाएगा. कोई पार्टी से दूर नहीं हुआ है यह तो सामान्य प्रक्रिया है पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व योग्य और सक्षम है.
उन्होंने कहा कि हरियाणा का जो वर्षों का मिजाज रहा है वह एंटी कांग्रेस रहा है, जनता ने लंबे अरसे से कांग्रेस को खारिज किया है. जनता आज भी उसी पर कायम है.पिछले 10 सालों में जो काम हुए, ग्रासरूट पर जो बदलाव हुए उसका लाभ हरियाणा को मिला ,जो केंद्र की प्रवर्तित योजनाएं थी उसमें हरियाणा की रैंकिंग 1-2-3 रही.
हरियाणा की अपनी सरकार ने भी भ्रष्टाचार के कलंक को हटाया. जिसकी हमेशा चर्चा होती थी. हरियाणा का जनमानस विधानसभा चुनाव में मजबूती के साथ भाजपा के साथ रहेगा. हमने लोकसभा चुनाव से भी सबक सीख लिया है और कुछ चीज दुरुस्त करनी थी वह कर ली हैं. हरियाणा के नेता एकजुट हैं. इस कारण हरियाणा में हम अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन भी करेंगे और बहुमत की सरकार भी बनाएंगे.
उन्होंने कहा कि पिछला चुनाव था उसमें कांग्रेस के लिए कुछ में खुश होने का कारण नहीं वह 99 पर सिमटे हैं. इंडिया गठबंधन को भी जिस तरह उन्होंने प्रचारित किया था कि हम 295 लेंगे यही बयान दिखते और छपते थे लेकिन उसके बावजूद वो इस स्कोर तक नहीं पहुंच पाए.