शाहरूख की पठान मूवी के बेशर्म रंग गाने पर विवाद के बीच जानें क्यों हिंदू धर्म में केसरिया है पूजनीय
Pathaan Controversy And Saffron Color : शाहरुख खान की आने वाली मूवी पठान के बेशर्म रंग गाने पर विवाद थमता नहीं दिख रहा है. हिंदू संगठनों का कहना है कि इस गाने में केसरिया रंग का प्रयोग आपत्तिजनक है. करीब 7 राज्यों में फिल्म का विरोध हो रहा है.
Pathaan Controversy And Saffron Color : शाहरुख खान की अपकमिंग फिल्म पठान का पहला गाना बेशर्म रंग रिलीज होते ही विवादों आ चुका है. दीपिका पादोकुण, शाहरुख खान और जॉन अब्राहम स्टारर ये फिल्म अगले साल 25 जनवरी को रिलीज होने वाली है.
चार साल बाद फिल्मी पर्दे पर वापसी कर रहे शाहरुख खान के लिए ये विवाद फायदेमंद रहेगा या फिर नुकसानदायक ये वक्त ही बताएगा फिलहाल ये समझना जरूरी है कि आखिर विवाद की जड़ में क्या है ?
दरअसल पठान' के 'बेशर्म रंग' में दीपिका एक केसरिया रंग की रिवीलिंग ड्रेस में नजर आ रही है. इस दौरान शाहरूख के साथ गाने के दौरान कई कोज़ी पोज़ भी दिये गये हैं. जिसका हिंदू संगठन विरोध कर रहे हैं.
विवाद इतना बढ़ चुका है कि 7 राज्यों यूपी, छत्तीसगढ़, गुजरात, एमपी, बिहार और महाराष्ट्र में फिल्म को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ है, वहीं बिहार के मुजफ्फरपुर में शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण समेत अन्य लोगों पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और अश्लीलता का आरोप लगाकर रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है.
क्या है हिंदू धर्म में केसरिया रंग का महत्व
हिन्दू धर्म में माना जाता है कि केसरी रंग अग्नि का रंग है. जो जीवन में सकारात्मक विचार का संचार करती है और नकारात्मक सोच को दूर करती है. हर किसी पूजनीय कार्य या शुभ कार्य से पहले इस अग्नि को ही साक्षी माना जाता है.
केसरिया रंग इस अग्नि का ही प्रतीक है. जो हिंदू धर्म में पवित्र माना गया है. यही वजह है कि साधु संन्यासी केसरी रंग ही धारण करते हैं,ताकि वो खुद को पवित्र रख सकें और तपस्या कर मोक्ष को प्राप्त कर सकें.
हिंदू धर्म में प्राचीन काल से ही ऋषि मुनि अपने साथ अग्नि को लेकर चलते थे. उनका मानना था कि ये अग्नि और इसका रंग ही मोक्ष प्राप्ति का साधन है. चूंकि अग्नि को साथ हमेशा नहीं रखा जा सकता है, इसलिए इसके प्रतीक केसरिया रंग को धारण किया जाता था. ये परंपरा आज तक चली आ रही है.