Shattila Ekadashi 2023: षटतिला एकादशी का व्रत आज है. आज भगवान विष्णु की पूजा करने से मनुष्य के पापों का अंत होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. 


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आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते समय इन बातों को ध्यान रखें वरना व्रक का फल भी नहीं मिलेगा और भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं.


Shattila Ekadashi 2023 पूजन विधि
आज तिल मिले पानी से स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करने के बाद षटतिला एकादशी व्रत और विष्णु पूजा का संकल्प लिया जाता है. फिर भगवान को चौकी पर स्थापित कर. पंचामृत में तिल मिलाकर स्नान कराते हैं और फिर वस्त्र अर्पित करते हैं. चंदन, हल्दी, अक्षत्, तिल, पीले फूल, फल, तुलसी के पत्ते, मिठाई, गुड़, चने की दाल और बेसन के लड्डू भगवान को अर्पित कर ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करते हैं. फिर दीप जलाकर विष्णु चालीसा, विष्णु 
स​हस्रनाम और षटतिला एकादशी व्रत कथा को पढ़ा जाता है.


आज के दिन दान का विशेष महत्व है. आज गरीबों के बीच तिल,कंबल, गरम वस्त्र, फल, अन्न, सब्जी आदि का दान किया जा सकता है.


Shattila Ekadashi 2023 पर क्या करें क्या ना करें 
आज तिल का भोग भगवान विष्णु को लगता है. ऐसे में आज के दिन तिल ना खाएं.
षटतिला एकादशी पर क्या करें और क्या न करें
नहाने के पानी में तिल जरूर डालें.
तिल का दान जरूर करें
आज चावल ना खाएं(माना जाता है कि भगवान विष्णु की चावल के रोम से उत्पत्ति हुई थी)
आज के दिन बैंगन ना खाएं और जमीन पर सोएं.
आज घर में झाडूं नहीं लगाएं.
तामसिक चीजों को ना खाएं.


आज एकादशी को सभी व्रतों में श्रेष्ठ बताया गया है. क्योंकि भगवान विष्णु के शरीर से ही देवी एकादशी की उत्पत्ति हुई. इस व्रत को करने से भगवान विष्णु प्रस्नन होकर मोक्ष का दान देते हैं