Jaipur: राजस्थान की धरती वीरों और योद्धाओं की धरती के रूप में जानी जाती है. राजस्थान की धरती की मिट्टी के कण-कण में गौरव गाथा की सैकड़ों कहानियां मौजूद हैं. इस मिट्टी का तिलक भर मात्र ही जोश ऊर्जा और साहस की अनुभूति देता है. तो वहीं हल्दीघाटी और मानगढ़ धाम के मिट्टी की शौर्य की पूरे विश्व में अलग पहचान है.आज भी राजस्थान के इतिहास में अमर है. हल्दीघाटी और मानगढ़ धाम की मिट्टी अब देश के हर प्रांत तक पहुंचाने की जिम्मेदारी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने ली है.


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25 नवंबर से 27 नवंबर तक राजधानी जयपुर में आयोजित होने जा रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 68वें राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर के विभिन्न प्रांतों से आए हुए कार्यकर्ताओं को यह मिट्टी सौंपी जाएगी.


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला राजसमंद द्वारा 68वें राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए हल्दीघाटी गौरव यात्रा का शुभारंभ कार्यक्रम विद्या निकेतन स्कूल रक्त तलाई के प्रांगण से प्रारंभ हुआ. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  विभागसंगचालक  नारायण भट्ट, जिला संयोजक देवेश पालीवाल, यात्रा संयोजक भगवत सिंह चारण, छात्रसंघ अध्यक्ष किरण राठौड़ ने यात्रा का विस्तृत वक्तव्य प्रदान कर यात्रा का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उदयपुर विभाग संगठन मंत्री वीरेंद्र सिंह, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जयेश जोशी, यात्रा सह सयोंजक नीलेश जी ने यात्रा को रवाना किया.


हल्दीघाटी, खमनोर, रक्ततलाई होते हुए यात्रा नाथद्वारा, उदयपुर, चित्तौड़, भीलवाड़ा, गुलाबपुरा, बिजयनगर, नसीराबाद, अजमेर, किशनगढ़, दूदू होते हुए यात्रा जयपुर अपने अधिवेशन स्थल पहुंची. यात्रा को राजस्थान की युवा तरुणाई ने गौरव का प्रतीक मानकर प्रत्येक इकाई, महाविद्यालय व विश्वविद्यालय में भव्य स्वागत पुष्पांजलि कर महाराणा प्रताप व हल्दीघाटी के शौर्य की गाथा के उद्बोधन के साथ स्वागत किया.


राष्ट्रीय अधिवेशन स्थल जयपुर में राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी, प्रांत संगठन मंत्री हरीश शर्मा, प्रांत मंत्री गुंजन झाला, विभाग संगठन मंत्री उदयपुर वीरेंद्र शक्तावत, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जयेश जोशी के नेतृत्व में राजस्थान के युवाओं ने यात्रा का पुष्पांजलि अर्पित कर स्वागत किया.राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी राष्ट्रीय मंत्री हुश्यार मीणा के मस्तक पर हल्दीघाटी का विजय तिलक लगा कर उनका राजस्थान की शौर्य मय धरती पर स्वागत किया.


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