Jaipur News: राजस्थान में भूजल दोहन अत्यंत चिंताजनक हाल में पहुंच गया है. प्रदेश में 151% भूजल का दोहन किया जा रहा है. हालात यह हैं कि प्रदेश के 295 ब्लॉक डार्क जोन में हैं. इनमें सात शहरी क्षेत्रों के 219 ब्लॉक अति दोहित हैं. मात्र 1838 ब्लॉक ही पानी की दृष्टि से सुरक्षित माने जा रहे हैं. भूजल मंत्री डॉ. महेश जोशी ने विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के सवाल के जवाब यह जानकारी दी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा कि राज्य में भू-जल दोहन के नियन्त्रण के लिए राज्य सरकार जल्दी ही राज्य भू-जल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण का गठन करेगी. उन्होंने कहा कि राज्य में भू-जल दोहन की स्थिति चिन्ताजनक है तथा राज्य में 151 प्रतिशत दोहन हो रहा है. राज्य स्तर पर इस संबंध में प्राधिकरण बनाने के लिए ड्राफ्ट विधि विभाग तथा वित्त विभाग को भेजा गया था. हाल ही में वहां से प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण भी किया जा चुका है. उन्होंने आश्वस्त किया कि शीघ्र ही राज्य सरकार द्वारा प्राधिकरण का गठन कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में भू-जल दोहन के संबंध में कोई भी निर्णय राज्य सरकार केन्द्रीय भू-जल प्राधिकरण के दिशा निर्देशों के आधार पर ही करती है.


यह भी पढ़ें- राजस्थान की इस लड़की ने व्हीलचेयर पर बैठकर भरी उड़ान, अतंर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में पदक जीतने का बनाया रिकॉर्ड


इससे पहले भू-जल मंत्री ने विधायक राजेन्द्र राठौड़ के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि नीतिगत निर्णय की पालना में राज्य भू-जल विभाग प्रतिवर्ष नियमित रूप से सर्वे करता है तथा एक नियमित अंतराल के पश्चात राज्य के भू-जल संसाधनों का आंकलन किया जाता है. उन्होंने बताया कि इसी क्रम में केन्द्रीय भू-जल बोर्ड व भू-जल विभाग द्वारा संयुक्त स्तर पर राज्य के भू-जल संसाधन की नवीनतम आंकलन रिपोर्ट 2022 तैयार कर अन्तरविभागीय राज्य स्तरीय कमेटी से अनुमोदन कराकर जारी कर दी गई है.


राजस्थान में पानी के यह हालात
डॉ. जोशी ने बताया कि वर्तमान में भू-जल आंकलन की नवीनतम रिपोर्ट 31 मार्च 2022 के अनुसार राज्य के 295 ब्लॉक एवं सात शहरी क्षेत्रों में से 219 ब्लॉक को अतिदोहित श्रेणी, 22 संवेदनशील, 20 अर्द्धसंवेदनशील, 38 सुरक्षित में वर्गीकृत किया गया है. उन्होंने बताया कि शेष 3 ब्लॉक में भू-जल लवणीय होने के कारण रिपोर्ट में इनका भू-जल आंकलन नहीं किया गया है. उन्होंने सात शहरी क्षेत्र मे सम्मिलित- अजमेर, जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, कोटा, उदयपुर एवं बीकानेर का विवरण भी सदन के पटल पर रखा.


जयपुर सहित सात शहर भूजल संकट
मंत्री महेश जोशी के अनुसार अजमेर जयपुर जोधपुर जैसलमेर कोटा उदयपुर बीकानेर सबसे अति दोहित शहर है. इन शहरों में भूजल की दृष्टि से सबसे ज्यादा संकट है. जोशी ने कहा कि प्राधिकरण बनने के बाद भूजल दोहन पर कंट्रोल कर पाएंगे.