नहीं रहे सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव, मेदांता अस्पताल में ली अंतिम सांस
मुलायम सिंह यादव गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में बीमार होने के चलते भर्ती थे और आज सुबह 8 बजकल 16 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई है.
Jaipur: देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के लिए बड़ी दुखद खबर सामने आ रही है. यूपी की राजनीति के दिग्गज नेता और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है.
मुलायम सिंह यादव गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में बीमार होने के चलते भर्ती थे और आज सुबह 8 बजकल 16 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई है.
मुलायम सिंह यादव 82 साल के थे और 22 अगस्त से अस्पताल में भर्ती थे. उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी और लो ब्लड प्रेशर की शिकायत थी. इसी के चलते 1 अक्टूबर को ICU में शिफ्ट किए गे थे.
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को हुआ था. पांच भाइयों में मुलायम तीसरे नंबर पर थे. मुलायम सिंह ने पहलवानी से अपना करियर शुरू किया. वह पेशे से अध्यापक रहे. उन्होंने कुछ समय तक इंटर कॉलेज में अध्यापन किया. पिता उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे. फिर अपने राजनीतिक गुरु नत्थू सिंह को प्रभावित करने के बाद मुलायम सिंह यादव ने जसवंतनगर विधानसभा सीट से चुनावी अखाड़े से कदम रखा. वह 1982-1985 तक विधान परिषद के सदस्य रहे.
लोहिया आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले मुलायम सिंह यादव ने चार अक्टूबर 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की. मुलायम सिंह यादव को राजनीति के अखाड़े का पहलवान कहा जाता था. वह प्रतिद्वंद्वियों को चित करने के माहिर रहे. देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजनीति में उन्होंने वो ऊंचाई हासिल की जो किसी भी नेता के लिए सपना होता है. उन्होंने तीन बार राज्य की कमान संभाली. वह देश के रक्षा मंत्री भी बने. उत्तर प्रदेश विधानसभा के वह आठ बार सदस्य रहे.
राजनीतिक सफर
साल 1967 में मुलायम सिंह पहली बार विधायक बने. इसके बाद 5 दिसंबर 1989 को पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. मुलायम ने अपना राजनीतिक अभियान जसवंतनगर विधानसभा सीट से शुरू किया. वह सोशलिस्ट पार्टी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से आगे बढ़े. 1967, 1974, 1977, 1985, 1989 में वह विधानसभा के सदस्य रहे. मुलायम सिंह 1989, 1993 और 2003 में यूपी के सीएम रहे. वह लोकसभा के सदस्य भी रहे. 1996 के चुनाव में जीतकर वह पहली बार संसद पहुंचे. इसके बाद 1998 में वह जीत हासिल किए. 1999 के चुनाव में भी उनकी जीत का सिलसिला जा रही. 2004 में वह मैनपुरी से लोकसभा चुनाव जीते. 2014 में वह आजमगढ़ संसदीय सीट और मैनपुरी से चुनाव लड़े और दोनों जगह से ही जीत हासिल किए. सपा के इस दिग्गज नेता की जीत का सिलसिला 2019 के चुनाव में भी जारी रहा और मैनपुरी से जीतकर एक बार फिर संसद पहुंचे.