Speaker Om Birla got angry: मानूसन सेशन  शुरू होने के बाद काफी हंगामेदार रहा. मानसून सत्र में विपक्ष सरकार को मणिपुर हिंसा, यूसीसी समेत कई मसलों पर हंगामा करते हुए हमलावर नजर आये. जिसके चलते लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सदन में पिछले 12 दिनों से हो रहे विपक्ष के हंगामे से बेहद नाराज हो गए. ओम बिरला ने सदन के कामकाज को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से गहरी नाराजगी जताते हुए दोनों पक्षों से कहा कि जब तक सांसद सदन की गरिमा के अनुरूप व्यवहार नहीं करेंगे, तब तक वह लोकसभा में नहीं आएंगे. बुधवार को जब संसद की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अपने आसन पर नहीं थे.


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मानसून सत्र में विपक्ष सरकार को मणिपुर हिंसा, यूसीसी समेत कई मसलों पर सदन में बहस के दौरान अपनी मांगों को लेकर लोकसभा में विरोध प्रदर्शन किया, नारे लगाये और साथ में तख्तियां प्रदर्शित कर रहे थे. वे इस बात पर भी दबाव डाल रहे कि सदन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करे. हालांकि अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और अगस्त के दूसरे हफ्ते में पेश किया जाएगा और पीएम 10 अगस्त को सदन में जवाब देंगे. 20 जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित हुई है.


सूत्रों के मुताबिक उनकी नियमित और बार बार अपील के बावजूद हंगामेदार दृश्यों और सदन की गरिमा के अनुरूप व्यवहार नहीं देखते हुए अध्यक्ष ने लोकसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता तब तक नहीं करने का फैसला किया जब तक सदस्य सदन की गरिमा के अनुरूप व्यवहार नहीं करते. जिसके बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को सभापति से सदन की अध्यक्षता फिर से शुरू करने का आग्रह किया.