Jaipur News: बच्चों में बढ़ रही रीढ़ की हड्डी की समस्या, मासूमों की झुक रही कमर जिंदगी भर का मिल रहा दर्द
Jaipur News: बच्चों में रीढ़ की हड्डी की समस्या बढ़ रही है. SMS अस्पताल के स्कोलियोसिस क्लिनिक में मरीजों की संख्या बढ़ रही है.हर सप्ताह 50 फीसदी केस सामने आ रहे हैं.
Jaipur News: जन्म के साथ ही कई मासूमों में रीढ़ की हड्डी संबंधी विकार देखने को मिल रहे हैं. देरी से इलाज शुरू होने या इलाज नहीं मिलने पर इसका दर्द उम्रभर झेलना पड़ता है. राजधानी के सवाई मानसिंह के अस्पताल स्कोलियोसिस क्लिनिक में हर सप्ताह 50 फीसदी तक ऐसे नए केस आ रहे हैं. रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन व अन्य विकारों के इलाज के लिए धनवंतरि ब्लॉक में स्कोलियोसिस क्लिनिक संचालित है.
सर्वाधिक मरीज,5 फिसदी मरीजों का इलाज संभव नहीं
हर सप्ताह रीढ़ की हड्डी में टेढ़ेपन से ग्रस्त होने के 50 केस आ रहे है. इनमें सर्वाधिक संख्या बच्चों की है जिनकी उम्र नवजात से दस वर्ष तक है.5 फीसदी मरीजों का इलाज संभव नहीं है. सर्जरी से उनकी रीढ़ की हड्डी के टेढ़ेपन को दूर करना मुश्किल है.
सर्जरी का कोई दुष्प्रभाव नहीं
विशेषज्ञों का कहना है कि बीमारी का अत्याधुनिक तकनीक जैसे न्यूरो मॉनिटरिंग आधुनिक उपकरण से इलाज किया जाता है, जो काफी सुरक्षित है. इस वजह से दुष्प्रभाव का खतरा नगण्य होता है. मरीज की पूर्णतया रिकवरी 3 माह में जाती है.
बहरहाल, बीमारी का सही समय पर पता लगने पर इलाज काफी हद तक संभव है. यह रीढ़ की हड्डी के टेढ़ेपन की स्थिति उग्र एवं उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है.