Transgender Success Story : जीवन में सफलता का आशीर्वाद सिर्फ उन्हें ही मिलता है जिन्होंने कभी संघर्ष के लिए अपने कदमों को पीछे न किया हो. कुछ इसी तरह संघर्षों से पार पा कर जालोर की गंगा कुमारी पुलिस कांस्टेबल बनी. गंगा कुमारी राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल बनने वाला पहला किन्नर है. जीवन में कई संघर्षों के बाद परीक्षा पास करने वाली गंगा को पुलिस विभाग ने नौकरी देने से मना कर दिया था, लेकिन गंगा ने कभी संघर्ष से कदम पीछे नहीं खींचे और साल 2017 में न्याय मिला और पुलिस फाॅर्स ज्वाइन की. 


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दरअसल राजस्थान के जालौर जिले के रानीवाड़ा कस्बे की किन्नर गंगा कुमारी का जीवन पैदा होने के साथ ही कठनाईओं से भरा हुआ था. इन्हीं संघर्षों के बीच किन्नर गंगा कुमारी ने आत्मसम्मान के साथ जीने का फैसला किया और साल 2012 में राजस्थान पुलिस भर्ती परीक्षा दी. परीक्षा देने वाले सवा लाख अभ्यर्थियों में से एक थी. 2013 में लिखित परीक्षा दी जिसके नतीजे साल 2014 में आया. जिसमें गंगा कुमारी समेत 11 हजार 400 सफल हुए. लेकिन मेडिकल के वक्त गंगा कुमारी को नियुक्ति देने से इंकार कर दिया. जो की उनके लिए एक बड़ा झटका था.


पुलिस विभाग ने लिंग की स्पष्ठता के कमी के कारण नौकरी देने से मना कर दिया था। पुलिस के फैसले के विरोध में गंगा कुमारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, दो साल तक चली लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ाई के बाद राजस्थान हाई कोर्ट की जोधपुर खंडपीठ से नवंबर 2017 में गंगा को जीत हासिल हुई. हाई कोर्ट के फैसले के बाद 14 नवंबर, 2017 को गंगा को पुलिस की नौकरी मिल गई. 


पहली ट्रांसजेंडर कांस्टेबल बनने से चुकी
गंगा को पुलिस विभाग वक्त पर नियुक्ति दे देता तो वो पुलिस फोर्स में भर्ती होने वाली देश की पहली ट्रांसजेंडर होतीं. जिस समय गंगा कानूनी लड़ाई लड़ रही थीं उसी वक्त चेन्नै की ट्रांसजेंडर पृथिका यशिनी पुलिस की पहली सब इंस्पेक्टर बन चुकी थीं. यशिनी को भी कोर्ट के आदेशों के बाद ही नियुक्ति मिली. इसके बाद तमिलनाडु के मदुरै की रहने वाली आर नसरिया ने पुलिस कांस्टेबल के रूप में नियुक्ति दी. गंगा राजस्थान कि पहली और देश की तीसरी तँसगेंदेर है जिसे पुलिस विभाग में नियुक्ति मिली. 


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